ग्वालियर, 06 अक्टूबर (वेब वार्ता)। दुनिया में सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित लगभग 17 मिलियन बच्चे हैं, जो इसी बीमारी के साथ बड़े होते हैं। क्योंकि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन फिजिकल एक्टिविटी से इन्हें काफी हद तक सामान्य किया जा सकता है। ये दुनिया भर में बच्चों में विकलांगता का सबसे आम कारण माना जाता है। ऐसी स्थिति गर्भावस्था, बच्चे के जन्म के दौरान या जन्म के बाद मस्तिष्क में होने वाले डैमेज के कारण होती है। गर्भावस्था के दौरान किसी तरह का इंफेक्शन, खराब मेटर्नल न्यूट्रि न, मेटर्नल हाइपरटेंशन, अनियंत्रित मधुमेह, थायराइड, धूम्रपान, शराब, जेनेटिक डिसऑर्डर आदि ब्रेन डैमेज का कारण बनते हैं।
गर्भ के दौरान डाॅक्टर की एडवाइज के हिसाब से चलें
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विनीत चतुर्वेदी बताते हैं कि सेरेब्रल पाल्सी डवलपिंग ब्रेन की प्रॉब्लम है। गर्भ के दौरान मां को समस्या या बच्चे के होने पर प्रॉपर ऑक्सीजन न मिलने के कारण यह इंजरी होती है। इससे बचाव का तरीका यही है कि गर्भ के दौरान डॉक्टर के निरंतर सम्पर्क में रहें। उसके अनुसार चेकअप कराते रहें। यदि डॉक्टर ऑपरेशन से डिलीवरी की बात कह रही है तो अपना दिमाग नार्मल डिलीवरी की ओर न ले जाएं। डॉक्टर को अपना काम करने दें।
मेरी बेटी भी बीमारी से ग्रसित, अब मोबाइल करती है ऑपरेट
एहसास संस्था की संचालक गीता ढींगरा बताती हैं कि देश की कुल पॉपुलेशन के 3 परसेंट लोग दिव्यांग हैं और इनमें से काफी संख्या में बच्चे सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं। हमारे यहां टोटल 60 स्पेशल बच्चे हैं, जिनमें से 15 बच्चे सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित हैं। इन बच्चों को फिजियोथेरेपी के माध्यम से कुछ हद तक नॉर्मल की ओर ले जाया जा सकता है। मेरी बेटी भी इसी बीमारी से ग्रसित है, लेकिन वह बहुत समझदार है। मोबाइल और कम्प्यूटर वह खुद ऑपरेट करती है।
मानसिक रूप से मजबूत रहें पैरेंट्स
सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चे का पेरेंट्स होना एक बड़ी चुनौती होता है। सबसे पहले तो पेरेंट्स इस बात को स्वीकार नहीं कर पाते कि उनके बच्चे को कोई ऐसी प्रॉब्लम है, जिसे वो पूरी तरह ठीक नहीं करा सकते। ऐसे में उन्हें सबसे पहले पेरेंट्स को ये स्वीकार करना चाहिए कि ये अन्य शारीरिक असामान्यताओं के विपरीत जीवन भर रहने वाली स्थिति है। आप बच्चों की स्थिति को स्वीकार करें और उन्हें कभी कमतर अहसास न कराएं। इसके लिए आपको मानसिक रूप से बहुत मजबूत बनना होगा।