-मामला सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने का
भोपाल, 01 फरवरी (वेब वार्ता)। राज्य सूचना आयुक्त भोपाल द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी जानकारी उपलब्ध न करवाने के एक मामले में ग्वालियर विकास प्राधिकरण के भू अर्जन अधिकारी पर 25000 रुपये का जुर्माना लगाकर एक माह में जुर्माना राशि जमा करने का आदेश दिया है।
शताब्दीपुरम निवासी आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश शर्मा द्वारा 10 जून 2021 में ग्वालियर विकास प्राधिकरण से जुड़ी भूमि से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन देकर जानकारी मांगी गई थी। जिसके जबाब में 15 जुलाई 2021 में प्राधिकरण के भू अर्जन अधिकारी ने जानकारी उपलब्ध न होना बता कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। आवेदन कर्ता अपील में गया तो 8 जुलाई 2022 को तृतीय पक्ष की जानकारी होने के कारण असहमति के आधार पर उपलब्ध न करवाने की बात कह दी गई। इसके पश्चात आरटीआई कार्यकर्ता को राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होना पड़ा।
आवेदक मुकेश शर्मा द्वारा द्वारा राज्य सूचना आयोग में अपील की गई तब सूचना आयोग के हस्तक्षेप के बाद आधी अधूरी जानकारी उपलब्ध करवाई गई तथा भू अर्जन अधिकारी द्वारा उक्त मामले में प्राधिकरण के छोटे कर्मचारियों को दोषी बताने का प्रयास किया गया। लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मामले में राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष यह प्रमाणित किया गया कि संपूर्ण मामले में एक बड़े भूमि घोटाले को छिपाने और भू माफियाओं को अनाधिकृत लाभ पहुंचाने के बड़े मामले पर पर्दा डालने की नियत से प्राधिकरण के बड़े अधिकारियों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।
प्रकरण के तथ्यों को देखते हुए राज्य सूचना आयोग ने विगत 30 जनवरी 2023 के अपने आदेश में ग्वालियर विकास प्राधिकरण के भू अर्जन अधिकारी व लोकसूचना अधिकारी सुधाकर खेड़कर पर 25000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए जुर्माने की राशि एक माह के अंदर राज्य सूचना आयोग में जमा करने का आदेश दिया है।