वेब वार्ता, भोपाल. प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कोरोना काल में मंडला जिले की राशन दुकानों से पोल्ट्री फार्म ग्रेड के चावल सप्लाई की शिकायत से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में 2020 में कैटेगराइज चावल को रिप्लेस कराकर सरकार ने मानक गुणवत्ता का चावल लिया था और इस मामले में भारत सरकार से राज्य शासन को 387.282 करोड़ रुपए मिलना बाकी है।
विधानसभा में विधायक नारायण सिंह पट्टा के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी मंत्री बिसाहूलाल ने दी है। उन्होंने यह तो स्वीकार किया है कि अमानक चावल प्राप्त हुआ था। विधायक को दिए जवाब में मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 कैटेगराइजेशन के दौरान अमानक पाए गए चावल को संबंधित मिलर्स से रिप्लेसमेंट कराया जाकर मानक चावल प्राप्त किया गया है।
इसकी जानकारी भारत सरकार को भेजी गई है और भारत सरकार से इस संबंध में 387.283 करोड़ रुपए लेना है। मंत्री ने कहा है कि कोविड काल में मंडला जिले में राशन की दुकानों से पोल्ट्री फार्म ग्रेड का चावल गरीबों को वितरत किये जाने की कोई शिकायत कार्यालय को प्राप्त नहीं हर्ई है।
मंत्री ने कहा है कि पोल्ट्री ग्रेड चावल की सप्लाई राशन दुकानों से नहीं हुई है। गौरतलब है कि मंडला जिले में कोरोना काल में घटिया व अमानक और पोल्ट्री ग्रेड का चावल सप्लाई होने का मामला मीडिया में सुर्खियां बना था और इसकी जांच भारत सरकार के अफसरों की टीम ने भी की थी। साथ ही इस मामले में कई अधिकारियों के विपरीत कार्यवाही भी हुई थी।