भोपाल, (वेब वार्ता)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के इस महासमर में प्रतिदिन नए-नए बयान सुनने को मिल रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रत्याशियों को थका हारा बताने के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को शून्य करार दिया है। नाथ ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि भाजपा की कथनी-करनी में सिर्फ़ फ़र्क़ नहीं बल्कि विरोधाभास भी है। ये एक विरोधाभास ही तो है कि मप्र भाजपा लिख रही है कि “असंभव को संभव और शून्य को शिखर बनाने का नाम ’भाजपा’ है।” जबकि बात और हालात ठीक इसके विपरीत हैं।
कमलनाथ ने आगे लिखा कि 18 साल के शासनकाल में यदि भाजपा चाहती तो मप्र के विकास को ‘संभव’ कर सकती थी, लेकिन भ्रष्टाचार की लिप्तता में व्यस्त रहने की वजह से भाजपा के लिए ऐसा करना असंभव ही रहा। शायद इसीलिए भाजपा ने हालातों को भांपते हुए और जनता के आक्रोश को समझते हुए अपने ‘शिखर’ नेतृत्व को इस चुनाव में ‘शून्य’ कर दिया है।
बिखर गए शिखर
पीसीसी चीफ ने आगे ट्वीट में लिखा कि मुख्यमंत्री के मंच पर उपस्थित होते हुए भी किसी को उनका नाम लेने तक की याद नहीं आती, उनके काम की बात करना तो बहुत दूर की बात है। तो फिर ऐसा तथाकथित शिखर किस काम का जो दिखाई न दे। इस विधानसभा चुनाव में मप्र की जनता भाजपा को ‘शिखर से शून्य’ पर ले आयेगी। भाजपा के राजनीतिक शिखर, बिखर गए हैं।