-शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
-मरीज इलाज के लिए हो रहे हैं परेशान
-2 घंटे तक इधर-उधर भटकते रहे जेपी में आए मरीज
-अकबर खान-
भोपाल, 16 फरवरी (वेब वार्ता)। अपनी विभिन्न मांगो को लेकर मध्य प्रदेश में आज डॉक्टरों ने 2 घंटे काम बंद कर हड़ताल की। शासकीय डॉक्टरों के 7 संगठनों द्वारा राज्य सरकारी स्वशासी चिकित्सा महासंघ के बैनर ये हड़ताल की गई। इस दौरान कई स्थानों पर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकार द्वारा मांगे नहीं मानी जाने पर 17 फरवरी से इन्होने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
बताते चले कि बुधवार को चिकित्सकों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल के पूर्व कार्यस्थल में काली पट्टी बांधकर काम किया। गुरूवार को चिकित्सक सुबह 10 बजे से 12 बजे तक काम बंद कर हड़ताल पर रहे। इस दौरान मरीजों का ईलाज और ऑपरेशन भी चिकित्सकों द्वारा नहीं किया जाएगा। हालांकि चिंकित्सकों का यह भी कहना है कि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं भी जारी रही।
मध्यप्रदेश शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ की मांगों में डॉक्टरों को काम करने के लिए उचित वातावरण मिले और प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी रुके। उच्चतम पदों पर चिकित्सकीय संवर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना हो साथ ही समस्त विभागों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोगेशन (डीएसीपी) के आदेश जारी हो।
सभी चिकित्सकीय संवर्ग के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करें, डॉक्टरों की पदोन्नति प्रमुख रूप से शामिल है। इन्हीं मांगों को लेकर गुरूवार को प्रदेशभर के 49 जिला अस्पताल, 13 मेडिकल कॉलेज और भोपाल गैस राहत अस्पताल के डॉक्टरों ने सुबह 10 से 12 बजे तक दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की। इसके अलावा वो हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। हड़ताल के दौरा ओपीडी, इनडोर, वार्ड राउंड इत्यादि तथा इमरजेंसी सेवाएं बाधित रही।
बताते हैं कि मंगलवार को भोपाल में आयोजित चिकित्सक संघ की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया था। चिकित्सकों ने अपनी मांगो को लेकर जो निर्णय लिया है उसके अनुसार सबसे पहले प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। मंगलवार को आयोजित प्रदेश के गांधी मेडिकल कॉलेज में मप्र चिकित्सक संघ की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में चिकित्सकों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत सबसे पहले चिकित्सक आगामी 15 फरवरी को सभी चिकित्सक काली पट्टी बांध कर विरोध जताएंगे। इसके बाद 16 फरवरी को चिकित्सक 2 घंटे के लिए काम बंद करेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार द्वारा चिकित्सकों की मांगे नहीं मानी गई तो चिकित्सक 17 फरवरी से हड़ताल पर चले जाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश के चिकित्सक कॉफी लंबे समय से केन्द्र सरकार की तरह समयबद्ध पदोन्नति लागू करने की मांग कर रहे थे। अपनी मांग को मनवाने के लिए ही प्रदेश के सभी विभागों के चिकित्सकों महासंघ बनाया है।
निकाली थी संपर्क यात्रा
महासंघ की ओर से 27 जनवरी को ग्वालियर से चिकित्सा बचाओ, चिकित्सक बचाओ यात्रा शुरू की गई थी। इस यात्रा की शुरूआत 27 जनवरी को ग्वालियर से हुई और गजराराजा मेडिकल कॉलेज से प्रारंभ होकर यात्रा मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवारी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए 07 फरवरी को भोपाल पहुंची थी। मंगलवार को भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में यात्रा का समापन हुआ। इस दौरान महासंघ ने चिकित्सकों को हड़ताल पर जाने की जानकारी दी।