23.1 C
New Delhi
Thursday, November 30, 2023

नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा न्यायालय के आदेशों की अवहेलना

-ढाई करोड़ के घौटाले के आरोपी को बनादिया मुख्य नगर पालिका आधिकारी

-मामला भिंड जिले की नगर परिषद मौ का

-वेबवार्ता ब्यूरो भोपाल-

भिंड। जिले की मौ नगर परिषद मे पद्स्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी दिनेश श्रीवास्तव का मामला लगातार तूल पकड़ता जारहा है दर असल दिनेश श्रीवास्तव पूर्व मे भी मौ मे बतौर मुख्य सीएमओ पद्स्थ रह चुके हैं उस समय उनपर 2 करोड़ 49 लाख 60 हजार रूपए के हेरा फेरी के आरोप है जिसकी विभागीय जांच चल रही है। इसके अलावा एक याचिका मे उच्च न्यायाल का आदेश है कि लिपिक कम-लेख पाल को मुख़्य नगर पालिका अधिकारी नहीं बनाया जा सकता लैकिन तत्कालीन संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर-चंबल संभाग ने सभी नियम ओर आदेशो को ताक पर रख कर एक आदेश दिनांक 09-11-2022 अपने स्थानान्तरण हो जाने के पश्चात जारी किया गया है, जो किसी भी दृष्टिकोण से न तो नियमानुसार है और न ही विधिसम्मत है। बल्कि उच्च न्यायालय के द्वारा अपने अनेक व्यायिक दृष्टांतों में दिये गये निर्देशों का खुला उल्लघन है। इसके अलवा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों की अवहेलना है भी है।

Urban Administration Department-लिपिक-कम-लेखापाल का पद मुख्य नगर पालिका के पद पर पदोन्नति हेतु फीडर पदक्रम में सम्मिलित नहीं है। इसके बावजूद भी दिनेश श्रीवास्तव जिनका मूल पद लिपिक है उन्हें आर के श्रीवास्तव, तत्कालीन संयुक्त संचालक नगर प्रशासन द्वारा प्रभारी सीएमओ नगर परिषद मौ का प्रभार दिया गया है जबकि मौ में ही श्रीवास्तव करोड़ो के घोटाले की जांच चल रही है क्या इनके रहते निष्पक्ष जांच संभव है? तथा याचिका क्रमांक 15101/2020 में पारित आदेश जो दिनांक 06-11-2020 को जारी किया गया है। उक्त आदेश की विधिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उच्च न्यायालय के द्वारा अपने अनेक न्यायिक दृष्टांतों में शासन को यह निर्देश दिए गए हैं कि लिपिक-कम-लेखापाल को नगर परिषद अथवा नगर पालिकाओं में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद का प्रभार नहीं सौंपा जाए। साथ ही नगर परिषद मौ के पार्षदों ने शासन से मांग की है कि तत्कालीन संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर चंबल संभाग ग्वालियर आरके श्रीवास्तव द्वारा आदेश कमांक/सामान्य/विविध 2022/3218 दिनांक 9/11/2022. जिसके द्वारा दिनेश श्रीवास्तव, मुख्य लिपिक-कम-लेखापाल को नगर परिषद, मौ जिला भिण्ड में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद का प्रभार सौंपा गया है उसको तत्काल निरस्त किया जाये, तथा दिनेश श्रीवास्तव के स्थान पर नियमानुसार विधिक रूप से पात्रता रखने वाले उपयुक्त अधिकारी को नगर परिषद मे प्रभार अथवा नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ किया जाये।

Urban Administration Department-क्योकि स्वयं दिनेश श्रीवास्तव के द्वारा उच्च न्यायालय में प्रस्तुत रिट पिटीशन क्रमांक 15101/2020. में उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 06-11-2020 को इस निर्देश के साथ याचिका निरस्त करदि कि मुख्य लिपिक-कम-लेखापाल का पद मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु फीडर पदकम में सम्मिलित नहीं है, इसलिये किसी भी मुख्य लिपिक-कम-लेखापाल को किसी भी नगर परिषद अथवा नगर पालिका में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद का प्रभार नहीं सौंपा जा सकता है। उच्च न्यायालय के द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक मध्य प्रदेश का उच्च न्यायालय 2020 (एस) का 1 WP 15101 दिनेश श्रीवास्तव बनाम द स्टेट ऑफ एमपी व अन्य ग्वालियर दिनांक 06/11/2020 याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पीयूष जैन एवं अभिषेक शर्मा, उत्तरदाताओं/राज्य के लिए पैनल वकील तथा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अंत में सुना गया। यह याचिका संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गई थी याचिकाकर्ता को करेरा जिला शिवपुरी में प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रूप में कार्य करने की अनुमति प्रदान करने हेतु तथा प्रतिवादी को इलाज के लिए निर्देशित करने की मांग की गई।

Urban Administration Department-याचिकाकर्ता का मामला था कि वह हेड क्लर्क-कम-एकाउंटेंट के पद पर कार्यरत है और प्रभारी सीएमओ के रूप में कार्यरत था. और वह सीएमओ, क्लास-सी नगर पालिका के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र हैं, लेकिन विवादित आदेश द्वारा, उन्हें अपने मूल पद पर काम करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके विपरीत, राज्य सरकार के अधिवक्ता द्वारा यह प्रस्तुत किया गया है कि अंतरिम आदेश इस न्यायालय की इंदौर खंडपीठ द्वारा विजय कुमार शर्मा बनाम के मामले में पारित अंतरिम आदेश के आधार पर पारित किया गया था।एमपी राज्य और अन्य, [WP No.14632/20201 और अब, उक्त रिट याचिका को भी आदेश दिनांक 23-10-2020 द्वारा खारिज कर दिया गया है और, एक अन्य याचिका में न्यायालय ने महेश प्रसाद दीक्षित बनाम मप्र राज्य [रिट याचिका संख्या 15111/202, ग्वालियर खंडपीठ] के मामले में पारित आदेश दिनांक 09/10/2020 द्वारा यह माना है कि प्रधान लिपिक-सह-लेखाकार के पद को नहीं कहा जा सकता है सीएमओ, क्लास-सी नगर पालिका के पद पर प्रोन्नति के लिए फीडर पद हो।

विजय कुमार शर्मा उपरोक्त के मामले में इस न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने भी कुछ ऐसा ही मत व्यक्त किया है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता सीएमओ, क्लास-सी नगर पालिका के पद पर पदोन्नति के लिए फीडर पद धारण नहीं कर रहा है और तदनुसार, याचिकाकर्ता के वकील द्वारा कोई दुर्बलता नहीं बताई जा सकती है जिसके द्वारा उसे काम करने का निर्देश दिया गया है। उनका सारगर्भित पद। तदनुसार, यह याचिका विफल होती है और एतद द्वारा खारिज की जाती है। पूर्व में दिया गया अंतरिम आदेश भी निरस्त माना जाता है। कार्यालय को निर्देशित किया जाता है कि महेश प्रसाद दीक्षित सुप्रा एवं विजय कुमार शर्मा सुप्रा इंदौर खंडपीठ के प्रकरण में पारित आदेशों की प्रति इस प्रकरण की फाइल में रखे।

दिनेश श्रीवास्तव को आयुक्त नगरीय प्रशासन भरत यादव द्वारा दिनांक 15/12/2022 को दियेगये आरोप पत्र में निम्न आरोप लगाए हैँ जिनका अभी तक कोई जबाब नहीं दिया है।

आरोप क्रमांक :-

यह कि आप दिनांक 17.08.2015 से दिनांक 26.6.2019 तक नगर परिषद, मौ में प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। उक्त पदस्थापना अवधि के दौरान आपके द्वारा दिनांक 17.08.2015 से दिनांक 26.6.2019 तक कुल 48 माह में निकाय की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत 80 श्रमिकों को राशि रुपये 6500/-प्रतिमाह के हिसाब से राशि रूपये 2,49,60,000.00 का भुगतान कर निकाय को आर्थिक क्षति पहुँचाई है, जिसके लिये आप दोषी है।

उपरोक्तानुसार आपके द्वारा किया गया उक्त कृत्य अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं राज्य शासन के प्रति आपकी निष्ठा संदिग्ध होने का परिचायक है। साथ ही आपका उक्त कृत्य मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 92 एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है, जिसके लिये आप उत्तरदायी होंगे,इस मामले पर प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई से मोवाइल पर चर्चा करनी चाही लेकिन उनका मोबाइल रिसीब नहीं हुआ।

इनका कहना है

आरोप पत्र तो दिया है इतना मालुम नहीं है कि जबाब आया है या नहीं रूटीन वर्क है जबाब आया होगा तो न आया होगा तो कार्यवाई तो होगी।

-भरत यादव, आयुक्त नगरीय प्रशासन म.प्र

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,156FollowersFollow

Latest Articles