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Wednesday, September 27, 2023

305 करोड़ी कारम बांध के ई टेंडर में 93 करोड़ की रिश्वत के आरोपों की जांच में लीपापोती!

-सरकार और धर्म के ठेकेदार मिलकर खेल रहे है कैरम?

(मुकेश शर्मा, 9617222262)

भोपाल, (वेब वार्ता)। जहां लगभग सवा सौ वर्ष पुराने बिना पिलर के बने हावड़ा ब्रिज एवं अंग्रेजी हुकूमत के लगाए गए बिजली के टावर जस के तस खड़े हुए हैं तो वहीं भाजपा शासन काल में बनाए जा रहे निर्माणाधीन बांध, पुल, सड़कें, टावर आदि तांश के पत्तों की तरह ढह रहे हैं जिससे अरबों रुपए का नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही जन हानि एवं आर्थिक हानि से आम जनता भी परेशान है। बाबजूद इसके शासन और सरकार सत्ता की कुर्सी पर बैठकर जनता को गोटी बनाकर कैरम खेलने में लगे हुए हैं। आज से एक वर्ष के लगभाग धार जिले के धरमपुरी में कारम बांध के पानी टूटने से भोपाल से दिल्ली तक सरकार को हिलाकर रखा दिया था। क्योंकि बीती वर्षात में प्रदेश के धार जिले में बने कारम बांध टूटने पर मीडिया में जमकर खबरे चलीं कि बाँध के निर्माण में 93 करोड़ रिश्वत बांटी गई।

दरअसल यह सही नहीं है। सच्चाई यह है कि दो वर्ष पहले ईडी ने ई टेंडर घोटाले में हैदराबाद की मेंटाना कंपनी के मालिक राजू मेंटाना और भोपाल की फर्म अर्नीइंफ्रा के आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने प्रेसनोट जारी कर कहा था कि मेंटाना कंपनी ने ई टेंडर घोटाला कर 1000 करोड़ के ठेके लिए। मेंटाना कंपनी ने अर्थवर्क के नाम पर अर्नी इंफ्रा को 93 करोड़ दिए। अर्नी इन्फ्रा व आदित्य त्रिपाठी सिर्फ एक चेहरा हैं। यह मेंटाना से मिली राशि को कैश में बदलकर मप्र के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत बांटते हैं। अर्थात ईडी ने स्पष्ट कर दिया था कि ई टेंडर घोटाले में आदित्य त्रिपाठी के जरिए अफसरों को रिश्वत बांटी गई है। लेकिन ई टेंडर घोटाले की जांच कर रहे आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने इस पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं की है।

ब्यूरो चाहता तो ई टेंडर घोटाले में रिश्वत लेने वाले अफसरों के चेहरे बेनकाब कर सकता था लेकिन बीच में प्रदेश की सत्ता के रसूखदार नेताओ के तथाकथित् दलाल तथा सारथी कंस्ट्रक्शन के चेयरमैन अशोक भारद्वाज की मेहरबानी से बड़े-बड़े मामले दवा दिए गए। जिसका परिणाम कारम बांध और शिवपुरी जिले के बदरवास तहसील के ग्राम बढोखरा में 17 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से बनने बाला तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था। हालाँकि सरकार ने भिंड जिले के मौ कस्बा निवासी हाल निवास ग्वलियर अशोक भारद्वाज की सारथी कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर कुछ कर्मचारियों को सजा के तोर पर निलंबित करदिया था बाबजूद इसके सारथी कम्पनी को काम देना बंद नहीं किया। धार के इस बांध का ठेका ई टेंडर घोटाले की निशानी है। यह बात सरकार ने विधानसभा में स्वीकार की है।

मप्र जल संसाधन विभाग का काला सच?

क्या यह सच नहीं है कि रिटायर आईएएस राधेश्याम जुलानिया के कार्यकाल में मेक्स मेंटाना हैदराबाद को जल संसाधन विभाग के करोड़ों के ठेके मिले थे? क्या यह सच नहीं है कि मेक्स मेंटाना ने भोपाल के आदित्य त्रिपाठी की फर्म अर्नी इन्फ्रा को 93 करोड़ के काम सबलेट किये थे। यानि मेंटाना ने अर्नी को 93 करोड़ रूपये भेजे। क्या यह सच नहीं है कि मप्र में कमलनाथ सरकार बनते ही जुलानिया के दिल्ली (प्रतिनियुक्ति पर) जाने से पहले यानि 17 दिसम्बर 2018 को अर्नी इन्फ्रा के खाते से 52 लाख रुपए निकाले गये। इस रकम को एक ही दिन में चार अलग अलग खातों में घुमाकर उसी दिन 49.50 लाख रुपए राधेश्याम जुलानिया के खाते में ट्रांसफर किये गये?

क्या यह सही नहीं है कि इस रकम से 4 दिन बाद यानि 21 दिसम्बर 2018 को राधेश्याम जुलानिया ने 49 लाख रुपए में भोपाल के टाइगर मूवमेंट क्षेत्र में निर्माणाधीन काॅलोनी व्हीसप्रिंग पाॅल्मस में लगभग 10 हजार वर्गफीट का प्लाॅट खरीदा। ह यह सही नहीं है कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निर्देशालय की टीम ने राजू मेंटाना और आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने तब प्रेसनोट जारी कर कहा था कि आदित्य त्रिपाठी को मेंटाना जो रकम मिलती थी, वह उसे नगदी में बदलकर ई टेंडर में टेम्परिंग के लिए मप्र के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत बांटने का काम करता है।

धर्म के ठेकेदार भी शामिल तो नहीं इस घोटाले में?

कारम बान्ध के मास्टरमाइंड घौटाले के मुख्य सूत्रधार सारथी कम्पनी के मालिक अशोक भारद्वाज ने भिंड जिले के दंदरौआ धाम में राम कथा का आयोजन किया था जिसमें कथा वाचक विवादित संत वाधेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री थे, जहाँ दिव्य दरबार का आयोजन भी शास्त्री ने कियाथा वह बात अलग है कि दरबार में उन लोगों को ही बुलायागया जो या तो बड़े राज नेता थे या धनबान। धीरेन्द्र शास्त्री आजकल अपने जादू को लेकर पूरे देश में चर्चा में हैँ चूँकि कथा के आयोजन से कुछ समय पूर्व ही कारम बांध टूटा था इसलिए क्षेत्र में तरह तरह की जन चर्चा थी की कारम घोटाले में राजनीति के अलाबा धर्म का कनेक्शन तो नहीं?

भिंड जिले की मेहगाँव विधानसभा से भाजपा से टिकिट मांग रहे हैं भारद्वाज

कारम डैम सहित अधा दर्जन घोटालो के आरोपी सारथी कंस्ट्रकसंस के संचालक आजसे 10 वर्ष पहले फटेहाल हुआ करता था भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा से भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैँ जिले की गौहद विधानसभा क्षेत्र के मौ कस्बा निबासी भारद्वाज ने पहले भाजपा नेता अनूप मिश्रा के संरक्षण में सिचाई विभाग मै जमकर मलाई काटी अब प्रदेश के ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सानिध्य में कारम डैम जैसा प्रदेश का बड़ा घौताला कर डाला नतीजा ये कि सरकार ई-टेंडरिंग घौताला बंद करने जारही है। अगर जांच एजेंसीयों को शक हो तो ग्रह मंत्री और अशोक भारद्वाज की कॉल डिटेल निकाल सकती है।

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