-भारौली और लहार में सबसे ज्यादा
-13 रेत खदानें स्वीकृत, 20 से अधिक पर हो रहा है उत्खनन
-(मुकेश शर्मा, 9617222262)
ग्वालियर, 10 जुलाई (वेब वार्ता)। मध्य प्रदेश का भिंड जिला जो कभी डकैतों एवं एवं बागियो के आतंक के लिए कुख्यात था आज रेत के अवैध खनन के लिये पूरे प्रदेश में अब्बल नंबर पर जाना जाता है पुलिस, प्रशासन ओर सरकार के संरक्षण में चल रहे इस जहरीले कारोवार से जहां जिले की जीबन दायनी सिंध नदी का अस्तित्व खतरे में है वहीं जलीय जीब समाप्त होने के कगार पर है जिससे आसपास के गाँवों का जल स्तर तो कम हो ही गया है साथ ही प्रतिदिन निकलते रेत के बाहनों से उड़ते धूल के गुब्बारों से मानव जीवन पर विपरीत असर पड़ रहा है जहां पर रेत का खनन होरहा है वहां के आसपास के ग्रामीण दमा जैसी कई गंभीर बीमारियो के शिकार होरहे है।
जिले में अवैध रेत का उत्खनन सत्ता पक्ष, विपक्ष पुलिस, कुछ मूर्धन्य स्व्यम् भू कलमकार जो दिनभर थाना ओर पुलिस के कसीदे पढ़ते रह्ते है के अलावा प्रशासन के अधिकारियों के लिए दुधारू गाय के समान हो गया है। लेकिन इस कारोबार से शासन को प्रति माह करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वैसे तो जिले में खदानें स्वीकृत की गई है। कंपनी इन्ही से रेत निकाल सकती है। लेकिन हकीकत में कंपनी 25 से अधिक खदानो पर अवैध रूप से रेत खनन कराने में जुटी हुई है। इन खदानों पर पनड़ब्बी के माध्यम से सिन्ध नदी का सीना चीरकर रेत निकला जा रहा है।
यदा कदा पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी छापामारी की औपचारिकता करते है। पनड़ब्बी को नुकसान पहुंचाकर ये दिखा जाता है कि माफिया का नुकसान कर दिया है। परंतु ऐसा होता नहीं है। यदि आपकों अवैध खनन और ओवरलोडिंग की हकीकत जाननी है तो बरही टोल प्लाजा तक जाना होगा। चश्मदीदों के अनुसार प्रति रात 700-900 तक डंपर गुजर रहे है। इनमें से 40 फीसदी के आसपास पर रॉयल्टी नहीं होती। वाहनों के निकलने का सिलसिला 11 बजे रात से शुरू हो जाता है जो सुबह बजे तक चलता है।
भिंड जिले में रेत उत्खनन का टेंडर राघवेंद्र कुमार सिंह को दिया गया है। बताया जाता है कि उक्त कंपनी के सपोट में शिवा और पावर मेक मिलकर खदानों से रेत का उत्खनन करा रही है। सूत्रों के मुताबिक रेत खनन का टेंडर लेने वाली कंपनी के कर्मचारी जिले की अवैध रेत खदानों से रेत को निकलवाने का काम कर रहे हैं। इन कंपनी के कर्मचारियों की शह पर रेत माफिया नदियों में पनडुब्बी डालकर रेत खींचते हैं। रेत खनन का टेंडर लेने वाली कंपनी द्वारा लगाए गए नाकों से हर रोज बड़ी तादाद में रेत से भरे ट्रैक्टर बिना रॉयल्टी के निकाले जा रहे हैं।
यही कारण है कि रेत का उत्खनन कराने वाले यह कंपनी को कर्मचारी अवैध रेत खदानों पर पनडुब्बियों से रेत निकाली जाने के बाद भी उनकी सूचना प्रशासनिक अफसरों को नहीं दी जाती है। हालांकि रेत के काले कारोबार में उच्च स्तर तक अफसर,ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा,लहार विधायक नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ओर मेहंगाव विधायक प्रदेश के आवास राज्य मंत्री ओपीएस् भदौरिया के जुड़े हुए हैं यही कारण है कि अब तक पकड़ी 2 दर्जन से अधिक पनडुब्बियों और 50 से अधिक ट्रैक्टर द्वारा रेत का अवैध परिवहन किए जाने के बाद भी अब तक एक पर एफआईआर दर्ज हुई है वो भी अज्ञात में। इतना ही नहीं खनन।माफिया और प्रशासन के बसूली एजेंटो ने एक वाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है जिसके माध्यम से बसूली की बातचीत होती है।
शहर में कई स्थानों पर लग रही है रेत की अवैध मंडी
पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अक्सर अवैध उत्खनन न होने का दावा करते नजर आते है। माफिया के खिलाफ कार्रवाहियों का हवाला भी दिया जाता है। मगर शहर में कई स्थानों पर लगने वाली अवैध मंडी साफ तौर पर चुगली करती नजर आर ही है। जिला अस्पताल के सामने, नगरपालिका के पास, मेला के पास और भारौली तिराहे के अलावा गौरी सरोवर के किनारे भी आपकों सुबह 4से 7 बजे के बीच सैकड़ों की संख्या में टै्रक्टर ट्रालियां खड़ी नजर आ जाएगी। इनमें से 80 फीसदी पर रेत ओवरलोड़ होगा। रात गस्त के दौरान पुलिस के कर्मचारियों को भी ये नजारा दिख जाता है। परंतु उच्च स्तरीय सैटिंग के चलते सब कुछ बदस्तूर चल रहा है।
इस मामले में जिला खनिज अधिकारी प्रदीप डूडवे का कहना है कि अवैध रेत खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कई बार पनड़ब्बियों को नुकसान पहुंचाया गया है। हाल ही में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
सबसे बड़ा सवाल?
गिरोह बनाकर रेत माफिया से सैटिंग करने वालों ने किया पत्रकारिता को शर्मसार
मध्यप्रदेश के अंतिम छोर उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सीमा पर बसा भिण्ड जिला विकास के लिए तो आजादी से लेकर आज तक बाट जोह रहा है। परंतु इस जिलेकी खास बात यह है कि यहां रेत का अवैध कारोबार जबरदस्त एवं सुनियोजित ढंग से चल रहा है, इसमें कोई अकेले पुलिस और प्रशासन दोषी नहीं है बल्कि जिले के मूर्धन्य कलमकार भी बराबर के भागीदार हैं, कुछ कामकार तो रेत कंपनी से बाकायदा मासिक हिस्सा लेते हैं तो कुछ के डंफर और ट्रेक्टर चल रहे हैं यही कारण है कि तथाकथित बड़े अखबारों के अदने से ब्यूरो चीफ भी मुंह में गूंगे का गुड़ दबाकर बैठे हैं और माफिया सिंध नदी का सीना छलनी कर रहा है।
खबर है कि रेत खनन करने वाली कंपनी पावर मैक ने जिले के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी के माध्यम से सभी मूर्धन्य कलमकारों का हिस्सा बांधने में अहम भूमिका निभाई है। इस समय भिण्ड जिले में लूट खसोट का काम कुछ लोगों के द्वारा गिरोह बना कर किया जा रहा है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बीते दशक में आई भरमार के पीछे कुछ संगठित लोगों का दिमाग चल रहा है। इन लोगों ने पत्रकारिता की दुकाने चलाने के लिए बकायदा रोजनदारी से कुछ ऐसे लोगों को पाल रखा है जिनका काम गांव-गांव जाकर सरपंच से लेकर ग्राम पंचायतों के सचिवों सहकारी समितियों के प्रबंधक से लेकर सेल्समेन और सरकारी विभाग में जाकर पत्रकारिता की आड़ में सिर्फ और सिर्फ वसूली करना एक मात्र उद्देश्य है।
सूत्र बताते है कि इन लोगों के जिले के बड़े अधिकारियों की दुखती नश दवा रखी है इसलिए अगर कोई पत्रकार सही पत्रकारिता करना चाहे तो ये टुच्चे उसकी राह में हर तरीके के रोड़े अटकाते है।जिले के सीमावर्ती थाने इनके कमाऊ पूत हैं और इन तथाकथित पत्रकारों की पत्रकारिता यहीं से चलती है अखबारों में इन्हीं क्षेत्रों के थाना प्रभारियों के कसीदे मिलेंगे। यूट्यूब बालों ने तो सारी सीमाएं पार कर दी है। लकड़ी के डंडे में लगा एक माईक आईडी और एक 10 हजार का मोबाईल बस धंधा शुरू,काम दिनभर अधिकारियों और नेताओं की चापलूसी। इस समय भिण्ड जिले की पत्रकारिता में होटलो में काम करने वाले वेटर से लेकर मैनेजर तक कूद पड़े है।
जिले के भारौली, लहार, अमायन सहित कई थाने रेत के अवैध खनन के लिए सबसे ज़्यदा कुख्यात है भारौली थाना प्रभारी अनीता गुर्जर ने तो अवैध खनन की शिकायत करने बाले को झूंठे केस में फसाने की धमकी भी दे डाली जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस के आला अधिकारोयों से की लेकिन आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई पीड़ित भय के कारण अपने घर पर भी नहीं रह रहा है चूँकि जिले में रेत के थानों की पुलिस द्वारा एक तरह से नीलामी की जाती है तो ऐसे में वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्यवाही करेंगे यह बात भविष्य के गर्त में है? अब बात आती है लहार थाने की यहां पदस्थ थाना प्रभारी सत्ता और विपक्ष के साथ मिलकर रेत लूट रहे हैं। वैसे भी लहार मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का क्षेत्र है और रेत खनन के लिए कुख्यात है।
हालाँकि बीते वर्ष गोविंद सिंह ने नदी बचाओ यात्रा भी निकाली थी परन्तु उसका रेत माफिया पर कोई असर नहीं पड़ा गोविंद सिंह समर्थक लवकुश सरपंच पर्रायंच खुलेआम वैध खनन कर हैं है। लहार में अवैध खनन को नेता प्रतिपक्ष,सत्ता पक्ष, थाना प्रभारी का खुला संरक्षण है या अघोषित हिस्से दारी है ये जांच का विषय है, आगे बात करते हैं जिले की सिटी कोतवाली की,कोतवाली में पदस्थ थाना प्रभारी शिवसिंह यादव का विवादों से पुराना नाता रहा उनको मालनपुर थाना प्रभारी रहते हुए लोकायुक्त पुलिस पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा था जिसकी केस डायरी लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय से 2018 में चोरी होगई उसका अपराध 149/18 ग्वालियर के पड़ाव थाने में दर्ज है सबसे बड़ी बात ये है कि शिवासिंह यादव और दो अन्य चोरी के संदेही आरोपी हैं।
पुलिस का कमाल देखिये चोर अगर विभाग का हो तो उसको कैसे बचाती है और आरोपी होते हुए मलाईदार् थाना भी देदेती है जबकि नियमानुसार जबतक किसी पर गंभीर आरोप हैं तबतक उसको जिम्मेदार पोस्ट नहीं दी जासकती और शिवसिंह यादव मौ,लहार के बाद अब भिंड सिटी कोतवाली में थाना प्रभारी हैं जहाँ रेत से भरी सैकड़ो ओवर लोड गाड़ियां दिनभर निकलतीं हैं और खुलेआम बसूली होती है और जिम्मेदार आँखों पर पट्टी बांधे हुए हैं। यही हाल अमायन थाने का है जहां स्थानीय विधायक प्रदेस के आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया के संरक्षण में कुख्यात रेत माफिया जिलाबदर सहित कई आरोपों का आरोपी कोकसिंह लहारा खुलेआम अवैध खनन कर रहा है मंत्री का खुला संरक्षण के चलते ऐसा लगता है कि पुलिस और प्रशासन रेत माफिया के यहां गिरवी रखा हुआ है।
इनका कहना है…
भिंड जिले की सिंध नदी पूरी तरह से तहस नहस हो गई है,इस विषय को ले कर हमारी तरफ से निरंतर प्रशासन और सरकार के ध्यान में लाया गया ब धरना आंदोलन भी किए पर रेत माफियाओं को राजनेतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिलने के कारण अवेध रेत खनन नही रुक पाया इसे ले कर हमने न्यायालय में भी पिटिशन फाइल किया है। जिले का पर्यावरण भी असंतुलित हो गया है।पिछले समय लगभग 200 लोगो की जान संकट में आ गई थी जब चढ़ी सिंध में लगभग 90 ट्रक और डंफर रेत खनन के लिए रेत ठेकेदार राघवेंद्र सिंह ने भेज दिए थे इसको ले कर भी लहार थाने में हमने रिपोर्ट डाली थी लेकिन राजनेतिक और प्रशासनिक संरक्षण के कारण रेत का अवेध उत्खनन नही रुक पा रहा है।
-रमेश दुवे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा म.प्र
जिम्मेदार नहीं उठाते फोन
मामले पर चर्चा करने के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जिले के प्रभारी मंत्री तथा प्रदेस के परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मेहगांव विधायक एवं प्रदेस के आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया, कलैक्टर भिंड सतीश कुमार एस. के अलावा पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री को कई फोन लगाए किसी ने भी मोबाईल एक या दो बार में नहीं उठाया बार बार लागने पर जिन्होंने फोन उठाये भी लेकिन सवाल सुनते ही कहा इस मामले पर बादमें बात करेंगे।
इनका कहना है…
केंद्र और राज्य सरकार का नियम है कि रेत खनन नदी के अंदर पानी में से नहीं करना चाहिए,पर रेत माफिया पनडुब्बियों के माध्यम से पानी के भीतर से रेत निकालने का कार्य कर रहे हैं जो सरासर गलत है, इससे पर्यवरण और और जलिय जीवों का जीवन संकट में आजाता है। स्थानीय प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
-आर.आर सिंह सैंगर, क्षेत्रिय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्वालियर-चंबल संभाग