भोपाल. कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने कर्नाटक चुनाव (Karnataka Elections Results) में भाजपा की करारी हार को लेकर शनिवार को पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बजरंगबली का आशीर्वाद मिलेगा। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दक्षिणी राज्य में उन आठ में से छह सीटों पर भाजपा हार गई जहां भाजपा नेता चौहान ने प्रचार किया था।
कमलनाथ में मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में कर्नाटक की जीत का जश्न मनाते पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘चौहान ने कर्नाटक में आठ विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था और उनमें से छह पर भाजपा हार गई। मध्यप्रदेश में भी भाजपा को इसी तरह की हार का सामना करना पड़ेगा।” कमलनाथ ने कहा, ‘‘हमें कर्नाटक के साथ साथ मध्यप्रदेश में भी बजरंगबली का आर्शीवाद प्राप्त होने जा रहा है। मध्यप्रदेश के लोग समझदार हैं।”
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कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणा पत्र में सरकार बनने पर चरमपंथी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया गया और इसमें पीएफआई के साथ साथ बजरंग दल का भी जिक्र किया गया। भाजपा शासित मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। कमलनाथ ने कहा, ‘‘कर्नाटक में भाजपा, कांग्रेस की संख्या से आधी सीटें भी जीत नहीं सकी। प्रधानमंत्री ने रोड शो, रैली करने के साथ कर्नाटक में चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। दक्षिण भारत ने उत्तर भारत को (चुनाव परिणाम के साथ) रास्ता दिखाया है।”
इससे पहले, मुरैना में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान इस वादे के साथ जनता को बेवकूफ बना रहे हैं कि मध्यप्रदेश में 33 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘‘इतना निवेश तो पूरे देश में भी नहीं आयेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस 2018 में मध्यप्रदेश में वोटों की ताकत से सत्ता में आई थी लेकिन अब सरकार को सौदा करके चलाया जा रहा है।”
कमलनाथ ने दावा किया, ‘‘मध्यप्रदेश में समाज के सभी वर्ग परेशान हैं। मध्यप्रदेश हड़ताल प्रदेश में बदल गया है। हाल में राज्य में वकीलों और डॉक्टरों ने हड़ताल की।” मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 230 सीटों में से 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़े दल के रुप में सामने आई जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाई लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार कई विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी।