भोपाल, (वेब वार्ता)। फरवरी का आधा माह बीत गया है लेकिन प्रदेश की आबकारी नीति (MP New Excise Policy) अंतिम स्वरूप नहीं ले पा रही है। ऐसे में राज्य सरकार नई आबकारी नीति बनाने में नए सिरे से मंथन करेगी। इसके लिए दिसंबर 2021 में गठित मंत्रि-परिषद समिति को नई आबकारी नीति के संबंध में अनुशंसा देने के लिए सरकार ने पुन: गठित किया है।
शराब बंदी को लेकर जनप्रतिनिधियों के बढ़ते दबाव और विभिन्न शर्तों के चलते सरकार बार -बार नई नीति बनाने में सुझाव मांग रही है। आबकारी नीति में बार लाइसेंस देने के प्रविधान में भी सख्ती बरती जाएगी। शहरों में शराब परोसने वाले होटल, बार की संख्या सीमित की जाएगी।
इसके लिए जिलों से प्रस्ताव आबकारी नीति बनाने के लिए गठित मंत्रि-परिषद में रखा गया है। मंत्रि परिषद में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डा प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। वाणिज्यिक कर विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को इस समिति का सचिव बनाया गया है।
स्कूल, धार्मिक स्थलों से शराब दुकानों की दूरी तय नहीं कर पा रही सरकार
स्कूल कालेजों और धार्मिक स्थलों से शराब दुकानों की कितनी दूरी हो यह सरकार तय नहीं कर पा रही है। ऐसी 108 दुकानें हैं जिन्हें धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से दूर किया जाता है तो राजस्व प्रभावित होगा और पूर्व निर्धारित 50 मीटर की दूरी नई आबकारी नीति में रखी जाती है तो जनप्रतिनिधि खासकर उमा भारती नाराज होंगी। वे पहले ही बोल चुकी है कि उनकी शर्तों के हिसाब से आबकारी नीति नहीं लाई जाती है तो वे आंदोलन करेंगी।