भोपाल, (वेब वार्ता)। इस वर्ष के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में सबसे ज्यादा बल सर्वे पर रहेगा। निजी एजेंसियों और पार्टी संगठन के माध्यम से मैदानी सर्वे कराया जा रहा है। भाजपा का एक सर्वे पूरा हो गया है।
इसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के प्रमुख लोगों के पास पहुंच गई है। कांग्रेस निजी एजेंसी से सर्वे को नकार रही है, लेकिन पार्टी के ही भरोसेमंद लोगों से संभावित उम्मीदवारों के बारे में राय ली जा रही है।
भाजपा के एक सर्वे की रिपोर्ट करीब दो महीने पहले तैयार हो चुकी है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री एक-एक विधायकों से चर्चा भी कर चुके हैं। उन्होंने इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में कमजोर पकड़ वाले विधायकों को चेताया भी था। टिकट वितरण के पहले पार्टी एक और सर्वे कराएगी।
निजी एजेंसियों के अलावा संगठन मंत्रियों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला पदाधिकारियों की राय भी ली जाएगी। उधर, कांग्रेस का जोर अपने ही संगठन के लोगों और कार्यकर्ताओं से संभावित उम्मीदवारों के बारे में राय लेने पर है। जातिगत समीकरणों को भी टटोला जा रहा है।
उधर, बहुजन समाज पार्टी भी इस बार प्रत्याशियों के चयन के पहले सर्वे करा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के पास पहुंचेगी। टिकट देने का निर्णय भी वहीं करेंगी। पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सबसे पहले उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े जिलों की विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी