भोपाल, (वेब वार्ता)। दस माह बाद मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश कांग्रेस तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई है। जातीय समीकरणों को साधने के लिए मतदान केंद्रवार जानकारी जुटाई जा रही है। क्षेत्रवार प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची भी बनवाई जा रही है ताकि उनसे प्रदेश पदाधिकारी संपर्क स्थापित कर सकें। बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ को रिपोर्ट तैयार करने का दायित्व दिया गया है। प्रदेश में 64 हजार 100 मतदान केंद्र हैं। प्रदेश कांग्रेस ने सभी वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए नए प्रकोष्ठ बनाने के साथ मतदान केंद्र स्तर पर समीकरण साधने की कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए मतदान केंद्रवार जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें केंद्र पर कुल मतदाता, जातिगत समीकरण, प्रभावशाली व्यक्ति, पिछले चुनाव के परिणाम आदि जानकारियां रहेंगी।
इसके आधार पर पार्टी मतदान केंद्र स्तर पर संचालित की जाने वाली गतिविधियां निर्धारित करेगी। विभिन्न समाजों के अलग-अलग सम्मेलन किए जाएंगे। पार्टी के प्रदेश महामंत्री जेपी धनोपिया का कहना है कि नए प्रकोष्ठों का गठन करके विभिन्न समाजों को महत्व देने का काम किया गया है। चुनाव के दृष्टिगत सभी स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। मतदान केंद्रवार जानकारी भी तैयार करवा रहे हैं। प्रदेश, संभाग और जिला स्तर पर बैठक और सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। इसका दायित्व अनुसूचित जाति और जनजाति विभाग को दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को सामाजिक संगठनों से तालमेल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
गुरुवार को होगा पिछड़ा वर्ग सम्मेलन
मध्य प्रदेश कांग्रेस विभिन्न वर्गों के सम्मेलन करेगी। इसकी शुरुआत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ गुरुवार पांच जनवरी को सतना से करेंगे। वहां पिछड़ा वर्ग का सम्मेलन होगा। इसके बाद दस जनवरी को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अनुसूचित जाति विभाग का सम्मेलन होगा। इसमें विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदान केंद्र स्तर पर गतिविधियां बढ़ाने के साथ सामाजिक संगठनों से तालमेल बढ़ाने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में प्रदेश, जिला और ब्लाक इकाइयों के पदाधिकारी भाग लेंगे।