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Tuesday, November 28, 2023

MP Election 2023: मध्‍य प्रदेश में किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रही भाजपा

भोपाल, 20 सितंबर (वेब वार्ता)। वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 15 वर्ष बाद सत्ता वापसी का बड़ा कारण किसानों की कर्ज माफी के वादे को माना जाता है। पार्टी इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित भी करती है पर भाजपा अब इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेर रही है।

कांग्रेस ने दिया था वचन

दरअसल, कांग्रेस ने वचन दिया था कि किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ। किसी भी किसान का दो लाख रुपये तक का ऋण माफ नहीं हुआ। जबकि, किसान इसकी आस में बैठे रहे और उन्होंने सहकारी समितियों का ऋण नहीं चुकाया, जिससे वे डिफाल्टर हो गए।

कमल नाथ सरकार गिरी और हो गए ऐसे हालात

इसी बीच कमल नाथ सरकार गिर गई। किसानों के डिफाल्टर होने की वजह से सहकारी समितियों से बिना ब्याज का ऋण, खाद-बीज मिलना बंद हो गया। ब्याज और उस पर दंड ब्याज लगने लगा। किसान के सिर से ब्याज के बोझ की गठरी उतारने के लिए भाजपा सरकार ने ब्याज माफी योजना लागू की और दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का ब्याज माफ किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर पार्टी नेता चुनाव प्रचार में इसे मुद्दा बनाकर न केवल कांग्रेस को घेर रहे हैं बल्कि चेता भी रहे हैं कि एक बार फिर कमल नाथ कर्ज माफी की गारंटी दे रहे हैं। इससे सावधान रहें।

farmer karj mp demo

राजनीति के केंद्र में रहे मध्‍य प्रदेश के किसान

मध्य प्रदेश में एक करोड़ 11 लाख किसान हैं। ये हमेशा से राजनीति के केंद्र में रहे हैं पर इनको लेकर सियासत अधिक और धरातल पर काम कम हुआ है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि दस दिन में कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल देंगे पर कर्ज माफी नहीं हुई।

किसानों को अलग-अलग रंग के आवेदनों में उलझाया गया। पहले एक बार में कर्ज माफी की बात थी लेकिन इसे चरणों में बांट दिया। कांग्रेस दावा करती है कि 27 लाख किसानों का ऋण माफ हुआ है। इसके बावजूद 11 लाख 97 हजार किसान डिफाल्टर हो गए।

कर्ज माफी किसानों के साथ कांग्रेस का सबसे बड़ा धोखा

भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी का कहना है कि कर्ज माफी किसानों के साथ कांग्रेस का सबसे बड़ा धोखा था। किसानों ने कांग्रेस के जुमले पर भरोसा किया और वे डिफाल्टर हो गए। ब्याज के बोझ तले दब गए। शिवराज सरकार ने किसानों की परेशानी को समझा और किसानों के सिर पर चढ़े ब्याज का बोझ उतारने का निर्णय लिया। जन आशीर्वाद यात्रा से लेकर ग्राम चौपाल तक कांग्रेस की इस धोखाधड़ी को उजागर किया जा रहा है।

कांग्रेस का यह कहना

उधर, तत्कालीन कृषि मंत्री सचिन यादव का दावा है कि कमल नाथ सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया था। दूसरे चरण की प्रक्रिया चल रही थी पर भाजपा ने षड्यंत्र करके सरकार गिरा दी। दरअसल, वह नहीं चाहती थी कि किसान कर्ज मुक्त हों इसलिए योजना को बंद कर दिया।

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