भोपाल, (वेब वार्ता)। नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट के लिए भाजपा ने दावेदारों के समक्ष चौंकाने वाली शर्त रखी है। पार्टी ने दावेदारों से कहा है कि जो भी कार्यकर्ता टिकट का दावा करेगा, उसे अपने विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दो हजार नए मतदाताओं को जोड़ना होगा।
दस नव मतदाताओं का नाम जुड़वाना होगा
इसका आशय यह हुआ कि ऐसे दावेदारों को हर बूथ पर कम से कम दस नव मतदाताओं का नाम जुड़वाना होगा। मामला यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि बूथवार नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जुड़वाने का सारा लेखा-जोखा पार्टी के जिलाध्यक्ष को देना भी अनिवार्य होगा।
पार्टी नेतृत्व जिलाध्यक्ष से करेगी पुष्टि
टिकट की दावेदारी पर पार्टी नेतृत्व जिलाध्यक्ष से इसकी पुष्टि करेगी। उल्लेखनीय है कि दो अगस्त से चुनाव आयोग ने भी मतदाता पुनरीक्षण अभियान आरंभ किया है, जो 31 अगस्त तक चलेगा। भाजपा से टिकट के दावेदारों को भी इसी समयावधि में नए मतदाता जोड़ने होंगे और उन्हें पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी बनाना होगा।
भूपेंद्र यादव ने कही ये बात
भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पार्टी नेताओं से कहा है कि प्रदेशभर में हो रहे विधानसभा सम्मेलन में यह बात बता दी जाए कि जो भी कार्यकर्ता टिकट चाहता है, उसे दो हजार नव मतदाता बनाना पहली और अनिवार्य शर्त होगी।
पार्टी नेतृत्व को मिली थी शिकायत
दरअसल, पार्टी नेतृत्व को शिकायत मिली थी कि विधानसभा क्षेत्र में टिकट के दावेदार अपने ही विधायक के खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं। वे इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर विधायक और सरकार के खिलाफ अनर्गल बाते लिखते हैं, जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है।
ऐसे दावेदारों द्वारा फैलाई जा रही नकारात्मकता से निपटने के लिए भाजपा नेतृत्व ने उन्हें सकारात्मक काम की जिम्मेदारी दी है। संगठन के बड़े नेताओं का मानना है कि इस शर्त से उन दावेदारों की संख्या घट जाएगी, जो जातिवाद, गुटबाजी या किसी बड़े नेता के नाम यानी पट्ठावाद के नाम पर टिकट पाने का सपना देख रहे हैं।