भोपाल, (वेब वार्ता)। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित दो-दिवसीय सी-20 सेवा सम्मेलन का आज अंतिम दिन है। इस सम्मेलन के समापन सत्र में सीएम शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। सीएम शिवराज ने सम्मेलन में सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सेवायोगियों का सम्मान किया।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में आयोजित ‘सी-20 सेवा सम्मेलन’ के समापन समारोह में सहभागिताhttps://t.co/h3dWKz5oeE
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) July 2, 2023
सेवा सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने दो किताबों का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सेवा योगियों को मैं प्रणाम करता हूं। यह मध्य प्रदेश का सौभाग्य है। आवभगत, सत्कार यह भारत की संस्कृति है। मध्य प्रदेश में जन्म होने के बाद घुट्टी पिलाई जाती है कि दूसरों की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और दूसरों को दुख देना सबसे बड़ा पाप है। उन्होंने कहा कि बिना संवेदना और अपनत्व के सेवा नहीं हो सकती। इसलिए भारत ने कहा जीयो और जीने दो। प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो यह भारत ने दिया। एक ही चेतना सभी में है। जीने की आवश्यक वस्तुएं दे दो, मनुष्य सुखी हो जायेगा। सरकार का भी यही काम है। मनुष्य की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति सरकार की ड्यूटी है।
सीएम शिवराज ने कहा कि हम जो है दो है, एक अंदर का शिवराज और दूसरा बाहर का शिवराज। बाहर का शिवराज गड़बड़ करने का सोचता है लेकिन अंदर का शिवराज बोलता है कि ये गलत है मत कर। अंदर की आवाज जो होती है वो दूसरों की सेवा की प्रेरणा देती है। यही आत्मा का सुख है। यह धरती केवल मनुष्य की बपौती नहीं है यह पशु पक्षी, कीट पतंग और सभी के लिए है। उनकी सेवा भी आवश्यक है। पशुओं को भी आत्म भाव से देखो। धरती को बचाना है तो प्रकृति का शोषण नहीं दोहन करो। भारत ने नदियों को जल बहने वाली वाहिकाएं नहीं माना, इनको भी माता माना। मैं जब सुबह उठता हूं तो सबसे पहले पक्षियों को दाना डालता हूं गाय को रोटी खिलाता हूं। रोज पेड़ लगता हूं।
मुख्यमंत्री चौहान ने सिविल-20 सेवा समिट 2023 को संबोधित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन मानवता, विश्व बंधुत्व और सेवा के भाव को सशक्त बनाएगा।
इन सेवायोगियों का हुआ सम्मान
डा. अंबर पारे,
जीशान निज़,
प्रमांशु शुक्ला,
मोहन सोनी,
सैयद शाहिद मीर,
मनीष भावसार,
सुनीता भुविस्टाले,
शिवराज ख़ुशवा,
पद्मश्री उमाशंकर पांडे,
पूनम चंद गुप्ता
पराग दीवान
जयराम मीना
रीतेश क्षोत्रिय
विनोद तिवारी
डा. सपन कुमार (पत्रलेख),
दीप माला पांडे
सी-20 सम्मेलन में 11 देशों के प्रतिनिधि और 200 प्रतिभागी, चार देशों के एंबेसेडर शामिल हुए। सम्मेलन में सुझाव आए कि ग्लोबल सेवा नेटवर्क बनाना चाहिए। सेवा प्रोग्राम की जगह सेवा अभियान चलाना चाहिए। सेवा सम्मेलन के समापन समारोह में काफी संख्या में सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए।
गौरतलब है कि दूसरे दिन सम्मेलन का पहला सत्र सुबह 9:30 बजे से शुरू हुआ। सत्र में विकास की प्रक्रिया, सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने में सेवा के मार्गदर्शक सिद्धांतो पर चर्चा हुई। इसमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण मिश्रा और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम ने अपने विचार रखे। सत्र का संचालन नीति आयोग के सीनियर कंसलटेंट आनंद शेखर ने किया।