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Thursday, September 28, 2023

नेशनल फायर एडवायजरी के नियमों की अनदेखी शहर में जनसंख्या के हिसाब से पर्याप्त नहीं है दमकल और फायर स्टेशन

भोपाल, (वेब वार्ता)। राजधानी में नगर निगम द्वारा नागरिकों की सुरक्षा ताक पर रखकर नेशनल फायर एडवायजरी के नियमों की अनदेखी की जा रही है। शहर में जनसंख्या के हिसाब से दमकल और फायर स्टेशन नहीं हैं। ऐसे में आग की घटना होने पर समय पर राहत और बचाव कार्य मुश्किल होता है। कई बार तो दमकल के पहुंचने तक सारा सामान जलकर राख हो जाता है। इसके बावजूद यहां 50 की बजाय 80 हजार लोगों पर एक दमकल और दो जगह तीन लाख लाख लोगों पर एक फायर स्टेशन है।

बता दें कि शहर की वर्तमान जनसंख्या के अनुसार नगर निगम में चार फायर आफिसर और एक मुख्य फायर आफिसर होना चाहिए, लेकिन निगम के पास एक भी नहीं है। निगम में मात्र दो ही सहायक फायर आफिसर हैं, जबकि कम से कम आठ होने चाहिए। साथ ही नेशनल फायर एडवायजरी के तहत दो लाख की आबादी और एक से तीन किमी के क्षेत्र में एक फायर स्टेशन होना चाहिए। लेकिन राजधानी में 28 लाख की आबादी पर मात्र 11 फायर सब स्टेशन ही हैं। लेकिन इनमें आठ ही सक्रिय हैं। जबकि तीन फायर स्टेशन आइएसबीटी, यूनानी सफाखाना और कबाड़खाने में एक-एक दमकलें खड़ी रहती हैं। यहां पर्याप्त व्यवस्थाआें की कमी है। यही नहीं जो फायर सब स्टेशन हैं, वे भी अपने से आठ से दस किमी के क्षेत्र को कवर कर रहे हैं। इससे आग लगने पर राहत और बचाव कार्य शुरु होने में समय अधिक लगता है।

प्रत्येक जोन में होना चाहिए एक फायर स्टेशन

शहर में अभी आइएसबीटी, गोविंदपुरा इंडस्ट्री एरिया, पुल बोगदा, छोला फायर स्टेशन, पुराना कबाड़खाना, गांधी नगर एयरपोर्ट, संत हिरदाराम नगर, कोलार, माता मंदिर, यूनानी शफाखाना व फतेहगढ़ कंट्रोल रूम को मिलाकर कुल 11 फायर स्टेशन हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में प्रत्येक जोन के हिसाब से एक बनाया जाना था। हाइड्रेंट सिस्टम भी सिर्फ सराफा चौक में लगाया, वो भी चालू नहीं हो सका। इसके अलावा फायर कर्मियों के पास आधुनिक गैजेट भी नहीं है और वे पुराने परंपरागत तरीकों से हो आग बुझा रहे हैं।

28 लाख की जनसंख्या पर 35 फायर ब्रिगेड और वाटर टैंकर

नगर निगम 28 लाख जनसंख्या पर कुल 35 फायर ब्रिगेड और वाटर टैंकर हैं। लेकिन इनमें से भी चार से पांच गाड़ियां रोज वीआइपी आयोजन में तैनात रहती हैं। न्यू मार्केट व आदमपुर छावनी में भी 1-1 गाड़ी अस्थायी फायर स्टेशन बनाकर तैनात की गई है। ऐसे में आगजनी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए इनकी संख्या और कम हो जाती है।

5.40 करोड़ रुपये के हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के लिए कर्मचारी नहीं

शहर की जनसंख्या के साथ बहुमंजिला इमारतों की संख्या भी बढ़ रही है। यहां 20 से 22 मंजिला इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे भवनों में आग लगने पर राहत और बचाव के लिए नगर निगम द्वारा बीते छह माह पहले 5.40 करोड़ रुपये से 170 फीट ऊंचस हाइड्रोलिक प्लेटफार्म खरीदा गया है। इसकी क्षमता 18 मंजिल तक आग बुझाने की है। लेकिन अब तक इसका आरटीओ में पंजीयन नहीं होने से यह आनरोड नहीं हो सकी है। वहीं इसके लिए कुशल कर्मचारियों भी नहीं है। अब तक इसे चलाने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी नहीं की गई और ना ही इन्हें प्रशिक्षित किया गया।

इनका कहना

निगम अग्निशमन सेवाओं को निरंतर बढ़ा रहा है। जिससे संपूर्ण शहर में आग की घटनाओं पर राहत और बचाव आसान हो। यदि कहीं कमी है तो सुधार किया जाएगा।

– केवीएस चौधरी, आयुक्त नगर निगम

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