-मुकेश शर्मा/वेब वार्ता 9617222262
मध्यप्रदेश के विधान सभा चुनाव में ग्वालियर शहर की ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट में मुकाबला बड़ा रोचक है इस सीट पर जहां भाजपा ने पूर्व मंत्री तथा राज्य सभा सांसद रहीं वयोवृद्ध नेता माया सिंह को मैदान में उतारा है जिनका ग्वालियर राज घराने से ताल्लुक है। वहीं कांग्रेस ने अंचल की राजनीति में कभी राजनैतिक छत्रप माने जाने परिवार के सदस्य मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट से विधायक रहे गजराज सिंह सिकरवार के बड़े बेटे तथा वर्तमान कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार पर एकबार फिर भरोसा जताया है सतीश का परिवार पहले भाजपा से जुड़ा रहा है?
एक सवाल आज ग्वालियर ही नहीं बल्कि अंचल के सभी जिलो के बड़े नेताओं के जहन में चल रहा है। उप चुनाव में भाजपा से निराश होकर कांग्रेस में आए सतीश सिकरवार ने बीते विधानसभा उपचुनाव में अपने दम पर चुनाव जीतकर कांग्रेस के लिए ग्वालियर पूर्व सीट सौगात में दी थी। इतना ही नही सतीश सिकरवार छात्र नेता के समय से ही सक्रिय राजनीति में रहकर युवाओं और जनता के चहेते रहे हैं। क्षेत्र में जनता श्री सिकरवार के प्रति स्नेह का इस बात से पता चलता है कि विधायक रहते हुए उन्होंने अपनी पत्नी शोभा सिकरवार को ग्वालियर के महापौर का चुनाव लड़ाया और भारी बहुमतों से जीत दर्ज कराई और भाजपा के घमंड को चलना चूर कर वर्षो बाद कांग्रेस को महापौर दिलाया जबकि भाजपा से महापौर प्रत्याशी के लिए केंद्रीय नेतृत्व में बैठे कद्दावर नेता भी गली कूचे में घूम रहे थे बावजूद इसके अपने भाजपा प्रत्याशी को नहीं जीता सके।
मूल रूप से मुरैना जिले के सुमावली निवासी सिकरवार ललितपुर कॉलोनी, लश्कर ग्वालियर में रहते हैं, डा. सतीश सिकरवार छात्र जीवन से ही राजनीति में रूचि होने के कारण सन् 1991-92 में शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उत्कृष्ट महाविद्यालय में छात्र संघ के सचिव चुने गए। सन् 1992-93 में पुनः शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उत्कृष्ट महाविद्यालय के छात्रसंघ के उपाध्यक्ष बने। सन् 1993-94 में शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उत्कृष्ट महाविद्यालय के छात्रसंघ का अध्यक्ष चुने गए। सतीश सिकरवार को सन् 1998-2001 तक जीवाजी विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद् सदस्य एवं पुनः महासभा के आजीवन सदस्य चुना गया।
राजनीतिक सफर जारी रखते हुए सन् 1999 में नगर पालिक निगम व्वालियर में वार्ड क्र. 40 से पार्षद निर्वाचित हुए। सन् 2004 में वार्ड क्र. 40 से इनकी धर्मपत्नी डॉ. श्रीमती शोभा सतीश सिकरवार इसी वार्ड से नगर पालिक निगम ग्वालियर से पार्षद निर्वाचित हुई। सन् 2009 में पुनः डॉ. श्रीमती शोभा सतीश सिकरवार वार्ड क्र. 56 से ग्वालियर शहर में सर्वाधिक मतों से नगर पालिक निगम में पार्षद निर्वाचित हुई। सन् 2014 में नया कीर्तिमान बनाते हुए सतीश सिकरवार वार्ड क्र. 56 से निर्विरोध निर्वाचित हुए एवं पत्नी डॉ. श्रीमती शोभा सतीश सिकरवार वार्ड क्र. 45 से सर्वाधिक मतों से पार्षद निर्वाचित हुई।
सन् 2018 में ग्वालियर पूर्व विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। वर्ष 2018 में भारत स्काउट एवं गाईड के संस्थापक लाई वेडिन पावेल के जन्मदिन 22. फरवरी को विचार दिवस के एक बड़े कार्यक्रम में 251 गरीब कन्याओं का निःशुल्क विवाह कराये जाने के लिए सम्मानित किया गया, 8 सितम्बर 2020 को उप चुनाव से पूर्व भा.ज.पा छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की ओर वर्ष 2020 में 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा से उपचुनाव में विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए, 17 जुलाई 2022 को सतीश सिकरवार की पत्नि डॉ. श्रीमती शोभा सतीश सिकरवार ग्वालियर नगर निगम की महापौर निवार्चित हुई। ग्वालियर में 57 वर्ष बाद कांग्रेस की महापौर बनकर भाजपा का किला ध्वस्त कर दिया और ग्वालियर नगर निगम में इतिहास बनाया।
डॉक्टर सतीश सिकरवार को राजनीति के दावपेच विरासत में मिले हैं बल्कि मिलनसार, सहज सरल, उदार हृदय वाले श्री सिकरवार का परिवार सक्रिय राजनीति में भागीदार है और न केवल ग्वालियर की चारों विधानसभाओं सहित मुरेना जिले की कुछ विधानसभाओं में भी खासी पकड़ है, श्री। सिकरवार के छोटे भाई सत्यपाल सिरकरवार(नीटू) मरैना जिला पंचायत अध्यक्ष एवम सुमावली से भाजपा के विधायक भी रहचुके है। इस विधानसभा चुनाव में श्री सिकरवार को हराने के लिए भाजपा ने अपने तरकस से बड़ा तीर माया सिंह के रूप में निकाला है इस बात में कोई सक नहीं है कि श्रीमति माया सिंह भाजपा का बहुत बड़ा चेहरा हैं लेकिन सक्रियता के मामले में बो सतीश से बहुत पीछे हैं अब इसे उम्र का तकाजा भी कह सकते हैं ! दूसरी बात ये है कि मंत्री रहने के बाद क्षेत्र में उनकी सक्रियता नहीं रही। बहर हाल माया सिंह को उतारकर भाजपाने एक तीर से कई निशाने साध दिए नतीजा जो भी हो।