24.1 C
New Delhi
Thursday, October 5, 2023

मदरसों पर किये जा रहे सर्वे को लेकर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक आयोजित हुई 

बैठक में सरकार से मदरसों पर नाजाइज़ कार्यवाही पर शीघ्र रोक लगाने की मॉंग की

मदरसा वालों से फर्म सोसायटी में रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की

भोपाल, (अकबर खान) । ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारणी मेम्बर एवं विधायक आरिफ मसूद ने पत्रकारवार्ता में बताया कि आज एक अहम बैठक म.प्र. में मदरसों को लेकर एक समुदाय को भयभीत करने की जो कोशिश की जा रही है इसको लेकर क़ाज़ी-ए-शहर भोपाल सै. मुश्ताक़ अली नदवी सा. की सरपरस्ती आयोजित की जिसमें मुफ्ती-ए-शहर अबुल कलाम क़ासमी सा., मुफ्ती जुनैद सा. फलाही सहित प्रदेश के अन्य जिलों के सभी बड़े मदरसों के संचालक उपस्थित रहे।

IMG 20220928 WA0001

आरिफ मसूद ने पत्रकारवार्ता में कहा कि आर्टिकल 25 और 27 हमें इस बारे में स्वतंत्रता देते हैं की संविधान के अधीन भारत में मदरसे चलते आ रहे हैं यह मदरसे अंग्रेज़ों के ज़माने में भी रहे हैं और मदरसों से ही आज़ादी की लड़ाई लड़ कर देश को आज़ाद कराने में इन मदरसों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की आज़ादी के बाद भी संविधान के दायरे में यह मदरसे चल रहे हैं यह मदरसे सोसायटी एवं ट्रस्ट के तहत मिल्कियत की भूमि पर संचालित हो रहे हैं इसी के साथ-साथ जो मकतब होते हैं वह भी ट्रस्ट एवं सोसायटी की निगरानी में ही मसाजिद में चलाए जाते हैं।

मदरसों में जो बच्चे एडमिशन लेते हैं वह उनके मॉ बाप की मर्जी से या अपनी स्वेच्छा से ही मदरसों में दाखिला लेते हैं और वहीं रहकर कुरआन/इस्लाम की तालीम हासिल कर हाफ़िज़, मुफ्ती, आलिम बनकर देश एवं विदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ में भी तालीम हासिल करते है, इसी तरह सम्पूर्ण भारत में सभी धर्माें के लोग अपने धर्म अनुसार संचालित केन्द्रों में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं।

पत्रकारवार्ता में आगे कहा कि मध्यप्रदेश में अधिकतर मदरसे ट्रस्ट एवं संस्थाओं द्वारा संचालित हैं यह मदरसे आवाम के चंदे से संचालित होते हैं उसका पैसा बच्चों के भोजन, आवास, इलाज, कपड़े, किताबें एवं षिक्षकों को वेतन आदि सुविधा प्रदान करने हेतु खर्च किया जाता है तथा कुछ मदरसे जो कि शासन में पंजीकृत हैं अथवा कुछ प्रदेश सरकार द्वारा मदरसाबोर्ड के माध्यम से संचालित एवं वित्त पोषित हैं। इन संस्थाओं अथवा मदरसों का आर्थिक लेखा जोखा वार्षिक रूप से रजिस्ट्रार सोसायटी एवं फर्म में जमा होता है यदि कुछ मदरसे जो रजिस्टर्ड नहीं हो पाए हैं उनके संचालक रजिस्ट्रेशन कराने में लगे हुए हैं और जिन मदरसों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा उनके रजिस्ट्रेशन हेतु पूरी मदद की जाएगी।

धर्म विशेष को भयभीत करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मदरसों के खिलाफ अभियान चलाकर परेशान किया जा रहा है। हम सरकार से अपील करते हैं कि प्रदेश के कईं जिलों में अधिकारियों द्वारा मदरसों की जॉच के नाम पर वसूली अभियान चलाया जा रहा है इस पर शीघ्र रोक लगना चाहिए।

(मौलाना सै. मुश्ताक़ अली नदवी)

क़ाज़ी-ए-शहर भोपाल

(मुफ्ती अबुल कलाम क़ासमी)

मुफ्त-ए-शहर भोपाल

(आरिफ मसूद)

मेम्बर एवं विधायक

(मुफ्ती अ. रहीम क़ासमी)

भोपाल

(मुफ्ती जुनैद फलाही)

इंदौर

(मौलाना अब्दुल रशीद)

विदिशा (सेव)

(मुफ्ती मांे इस्हाक़)

ग्वालियर

(मौलाना तसव्वुर हुसैन)

पीथमपुर

(मुफ्ती मो. महमूद)

जबलपुर

(मौलाना मसीह आलम)

भोपाल

(मौलाना मो. याकूब)

सेंधवा

(मौलाना मो. अनीस)

लटेरी

(मौलाना मो. यूसुफ)

मण्डी बामोरा

(मुफ्ती रहमत उल्ला)

बुरहानपुर

(मौलाना मो. बशीर)

झाबुआ

(हाफ़िज़ मो. तारिक)

गुना (मौलाना आक़िब नदवी)

चंदेरी

(मौलाना माज़ नौमानी नदवी)

भोपाल

(मुफ्ती अलीक़दर नदवी)

भोपाल

(मौलाना सै. शोऐब नदवी)

देवास

(क़ाज़ी मो. हशमत)

भिण्ड (गोहद)

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,147FollowersFollow

Latest Articles