वेब वार्ता, भोपाल. प्रो. (डॉ.) अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक की अध्यक्षता में चिकित्सा अधीक्षक और क्लिनिकल विभागों के विभागाध्यक्ष के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई । बैठक में निदेशक ने कहा कि यद्यपि भारतीय जनसंख्या प्रतिरक्षात्मक है लेकिन एक सक्रिय उपाय के रूप में इस तरह की किसी भी घटना के लिए एम्स, भोपाल को तैयार रहने की आवश्यकता है।
उन्होनें बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को इस प्रकार की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया। उन्होंने अस्पताल के भंडारगृहों में उपलब्ध दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा की। निदेशक ने कहा कि पंजीकरण काउंटर के पास ओपीडी के जी-03 क्षेत्र में कल तक बुखार (फीवर) क्लीनिक की स्थापना की जाएगी।
जिन रोगियों को बुखार की कोई शिकायत है, उन्हें आगे के प्रबंधन के लिए एमएसएसओ, सुरक्षा और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों द्वारा बुखार क्लिनिक में भेजा जाएगा। बुखार से पीड़ित मरीजों से भी अनुरोध है कि वे सीधे जी-03 क्षेत्र के फीवर क्लीनिक में रिपोर्ट करें।
संदिग्ध रोगियों के गले/नाक के नमूनों के संग्रहण के लिए कल तक आपातकालीन चिकित्सा प्रवेश द्वार के पास दो नमूना संग्रहण कियोस्क स्थापित किए जाएंगे। बैठक में प्रो. देबासिस बिस्वास, विभागाध्यक्ष माइक्रो बायोलॉजी ने बताया कि विभाग जीनोम सीक्वेंसिंग (अनुक्रमण) के लिए नमूने प्राप्त कर रहा है और विभाग पहले से ही नमूनों के प्रसंस्करण में सक्रिय रूप से शामिल है। कोविड टीकाकरण का कार्य पूर्व की भांति आयुष भवन में चलता रहेगा।