वेबवार्ता: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर (Kushinagar News) जिले के खड्डा रेताक्षेत्र के महदेवा गांव के समीप फसलों को बड़ी गंडक नदी इन दिनों अपनी आगोश में ले रही है। कटान रोकने का समुचित उपाय नहीं होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश है।
गुरुवार को वाल्मीकि गंडक बैराज पर नदी का डिस्चार्ज 1 लाख 6 हजार क्यूसेक था ! जबकि छितौनी बांध के भैंसहा गेज पर नदी चेतावनी बिन्दु 95 मीटर के सापेक्ष 30 सेमी ऊपर बह रही है। इससे छितौनी बांध के संवेदनशील बिंदुओं पर भी नदी का दबाव बढ़ गया है। नदी पार बसे खड्डा के महदेवा गांव के समीप नदी महीनों से कटान कर रही है। किसानों की फसलों को निगलने के बाद नदी अब आबादी की तरफ बढ़ चुकी है।
गांव के नजदीक नदी को आता देख ग्रामीणों के होश उड़ गए हैं। डर का माहौल इस कदर है कि ग्रामीण रातें जागकर बीता रहे हैं। बम्बू क्रेट व मिट्टी भरी बोरियों को डम्प करा विभाग कटान रोकने का प्रयास तो कर रहा है, लेकिन कहीं से भी उसे सफलता नहीं मिल रही है।
ग्रामीण जितेन्द्र भारती, जुगुल, बाबूलाल, सुनील, प्रमोद, महेन्द्र, नरेश आदि ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा कटान स्थल पर डम्पिंग कराई जा रही मिट्टी भरी बोरियां व बम्बू क्रेट पानी के बहाव में रूक ही नहीं रहा है। अगर पहले ही बचाव की व्यवस्था कर ली गई होती तो आज नदी आबादी से दूर होती और ग्रामीणों को परेशान नहीं होना पड़ता। हर बार कटान रोकने के लिए विभाग ने सिर्फ प्रयोग ही किया, जो अब तक सफल नहीं हुआ है। गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव अभी भी जारी है। बृहस्पतिवार को इसका जलस्तर चेतावनी बिंदु से 44 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। जलस्तर बढ़ने से नदी के आस-पास के गांवों के लोग बाढ़ की आशंका से चिंतित हैं।
गंडक नदी भैसहां गेज स्थल पर दिन के तीन बजे चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। जलस्तर बढ़ने से महदेवा गांव के पास गंडक का दबाव और बढ़ गया है। गंडक नदी में वाल्मीकि बैराज से बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे 1,16,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस वजह से भैसहां गेज स्थल पर दिन के तीन बजे नदी चेतावनी विंदु 95.00 मीटर के सापेक्ष 95.44 मीटर पर बह रही थी।
उल्लेखनीय है कि महदेवा गांव को नदी से बचाने का जिला प्रशासन का प्रयास चल रहा है। जलस्तर बढ़ने से खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन पहले ही लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह चुका है। ग्रामीण इस चिंता में हैं कि जाएं तो कहां।
खड्डा तहसील क्षेत्र का महदेवा गांव पिछले तीन साल से बड़ी गंडक नदी के निशाने पर रहा है। पांच हजार की आबादी वाले महदेवा गांव में जिस तरह से मौजूदा समय में नदी कटान कर रही है, उससे तो आबादी पर ही खतरा मंडराने लगा है। यह देख महदेवा के लोगों की सांसें अटकीं पड़ीं हैं। साल दर साल गंडक महदेवा को निशाने पर लेकर उग्र होती गई, लेकिन विभाग कटान रोकने में असफल रहा। बाढ़ खंड विभाग के जिम्मेदार कटान रोकने के लिए हर साल नया प्रयोग करते रहे। पिछली बार बम्बू क्रेट से कटान रोकने का दावा किया गया था तो इस बार परकूपाइन से नदी की धारा को मोड़ने की कोशिश की गई। दिशा बदलकर कटान करने वाली गंडक अब आबादी पर ही कहर बरपाने को आतुर दिख रही है।