वेबवार्ता: कुशीनगर! उत्तर प्रदेश के कुशीनगर (Kushinagar) जिले के हाटा गन्ना समिति के किसानों ने पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष गन्ने की फसल की बुवाई का रकबा कम कर दिया है।
किसान गन्ने की फसल को नकदी फसल के रूप में मानकर खेती करते हैं। इस लिए हर साल छोटे-बड़े जोत वाले किसान अपना रकबा बढ़ाकर अधिक उत्पादन करते हैं, लेकिन इस बार स्थिति बदल गई है। गन्ने में लगे रेड राट रोग लगने से किसानों का गन्ना ज्यादा सूख जाने के कारण किसानों का आकर्षण गन्ना की खेती के प्रति कम हुआ है।
हाटा तहसील क्षेत्र में पिछले साल की अपेक्षा इस बार 59 हेक्टेयर क्षेत्रफल गन्ना का रकबा कम हुआ है। हाटा गन्ना समिति व ढाढा चीनी मिल क्षेत्र में वर्ष 2021.22 में 5025 हेक्टेयर गन्ना बोया गया था। वहीं इस बार 2022.23 में 4966 हेक्टेयर गन्ने की बुवाई हुई है। पिछली बार की अपेक्षा 59 हेक्टेयर गन्ने का रकबा कम हो गया है। इसका मुख्य कारण गन्ने की फसल में रेड राट रोग लगने से पैदावार नहीं होना है और ज्यादा गन्ना सूखना है। किसानों ने 12.26 लाख कुंतल गन्ने की आपूर्ति किया था।
इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि जिले के हाटा गन्ना क्षेत्र में इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 59 हेक्टेयर गन्ने का रकबा कम हुआ है ! लेकिन पैदावार भी न बढ़ने की उम्मीद है। जनपद में गन्ने की उपज का औसत 719.16 हेक्टेयर है। हाटा समिति क्षेत्र में कुल पैदावार 35.71 लाख कुंतल संभावित हैं। जहां किसान 85 फीसदी गन्ना पेराई के लिए व 15 प्रतिशत बीज आदि के लिए रखता है।
बताया कि गन्ना सर्वेक्षण तीस जून तक समाप्त हुआ था। ढाढा चीनी मिल व गन्ना समिति की संयुक्त टीम द्वारा जीपीएस मशीन से गन्ना सर्वेक्षण करायी है। समिति द्वारा खाता सुधार, नये सदस्य बनाए जा रहे हैं। इसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर है। गांव में सर्वे खतौनी का प्रदर्शन समिति व चीनी मिल के संयुक्त रूप से चल रही है। किसान अपना सर्वे सट्टा देख कर सुधार करा सकते हैं