वेबवार्ता: कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) मंगलवार रात 10 बजे से हुबली-धारवाड़ के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) पूजा की अनुमति देने वाले आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस अशोक एस किनागी के चैंबर में सुनवाई की और कहा कुछ शर्तों के साथ ईदगाह में गणेश उत्सव मनाने की इजाजत दे दी।
कोर्ट (Karnataka High Court) ने हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) मनाने की अनुमति देने के अधिकारियों के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। ये फैसला आधी रात को आया। इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने बैंगलोर के दूसरे ईदगाह मैदान में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
यह थी दलीलें
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अंजुमन-ए-इस्लाम के वकील ने बेंगलुरु ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश जिक्र किया। हुबली के संबंध में इसी तरह के आदेश की भी बात की। राज्य के लिए एएजी ध्यान चिन्नप्पा न कहा कि बैंगलोर मामले (चचमराजपेट संपत्ति) में चुनौती सरकार के आदेश की थी। यह एक विवादित सवाल है क्योंकि वक्फ अपने मालिकाना हक के दावे को साबित नहीं कर सका। इस मामले में यह सवाल नहीं है। इस मामले में काफी पहले मुकदमा दायर किया गया था।
इस मामले में एएजी ने कहा कि निगम आयुक्त के पारित आदेश को पढ़ा जाना चाहिए। अनुमति शर्त के अधीन और तीन दिनों के लिए दी गई है। हम कानून और व्यवस्था बनाए रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह कार्य बिना किसी के हस्तक्षेप के हो। उन्होंने यह भी कहा कि गणेश के उत्सव को इतनी सख्ती से नहीं लेना चाहिए। यह एक सामुदायिक समारोह है और सभी का स्वागत है। अन्य समुदाय के सदस्यों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप न करें।
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ नगर निगम ने ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत दी थी। इसके पक्ष में 28 जबकि विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे। नगर निगम के इस फैसले का कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया था। इसके बाद मामला हाई कोर्ट गया और उन्होंने ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने दी थी। इस फैसले को कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया।