New Delhi: हाथरस (Hathras News) में 19 साल की दलित युवती के साथ गैं’गरे’प मामले में कॉल डीटेल्स को पी’ड़िता के भाई ने अपने खिलाफ सा’जिश करार दिया है। पीड़िता के परिवार का कहना है कि वे लोग आरो’पी के संपर्क में नहीं थे।
उन्होंने कथित कॉल डीटेल रेकॉर्ड की सत्यता पर भी सवाल खड़े कर दिए। बता दें कि पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि मुख्य आरो’पी और पीड़िता के परिवार के बीच 5 महीने में 100 कॉल हुई थीं।
पी’ड़िता के बड़े भाई ने कहा, ‘यह हमारे खिलाफ साजिश है। ह’त्या’रे बहुत शातिर हैं। खुद को बचाने के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। उसने बताया कि 10 साल पहले उसने पिता के लिए सिम खरीदा था लेकिन उनका फोन खो जाता था। इसलिए मैंने अपनी आईडी से सिम खरीदा। फोन हमेशा घर पर ही रहता है। हर किसी के पास यहां तक कि प्रधान के पास भी हमारा एक ही नंबर है।’
‘पिता ही करते थे फोन का इस्तेमाल’
पीड़िता के भाई ने कहा कि ज्यादातर उसके पिता ही फोन का इस्तेमाल करते थे लेकिन मुख्य आरोपी संदीप से कभी संपर्क करने के दावे के वह खारिज करते हैं। संदीप पीड़िता के घर की सड़क के दूसरी ओर रहता है।
‘हम गरीब है, इसलिए फंसाया जा रहा है’
पीड़िता का छोटे भाई गाजियाबाद में काम करता है। उसने इस दावे के सबूत मांगे है। उसने कहा, ‘यूपी पुलिस हमें फंसाने की कोशिश कर रही है क्योंकि हम गरीब हैं। हमारे उत्पीड़न का कोई अंत नहीं है। अगर उनके पास रेकॉर्ड है तो सबूत भी होने चाहिए। मैं उन कॉल रेकॉर्डिंग को सुनना चाहूंगा।’ कॉल डीटेल रेकॉर्ड (सीडीआर) डॉक्यूमेंट में एक ही नंबर का समय, ड्यूरेशन, लोकेशन और कॉल की संख्या दर्ज है।
‘बहन पर कोई शक नहीं है’
पीड़िता के बड़े भाई ने कहा, ‘पुलिस मेरी बहन का चरित्र हनन करने में जुटी हुई है। हम हर वक्त अपनी बहन पर नजर रखते थे। मुझे उस पर कोई शक नहीं है।’ छोटे भाई ने कहा, ‘मेरी बहन अनपढ़ थी। वह नंबर तक डायल करना नहीं जानती थी। वह कॉल रिसीव ही कर पाती थी।’
आरो’पी और पीड़ित परिवार के बीच बातचीत का दावा
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, पीड़िता के परिवार और मुख्य आरो’पी के बीच फोन पर लगातार बात होती थी। पुलिस ने पीड़िता के परिवार और मुख्य आरो’पी के फोन की जांच की। दावा है कि संदीप को पीड़िता के भाई के नाम रजिस्टर्ड नंबर से बराबर कॉल आते थे।
पीड़िता के भाई के नंबर 989xxxxx और संदीप के 76186xxxxx के बीच 13 अक्टूबर, 2019 से टेलीफोनिक बातचीत शुरू हुई। पुलिस के अनुसार, ज्यादातर कॉल चंदपा में स्थित सेल टॉवरों से किए गए थे, जो पीड़िता के गांव से ज्यादा दूर नहीं।