New Delhi: यूपी के चर्चित हाथरस कांड (Hathras Case) के बाद सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow High Court) ने पीड़ित परिवार समेत यूपी सरकार (Yogi Govt) के अफसरों से तमाम मुद्दों पर सवाल किए।
मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट (Lucknow High Court) ने यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव (गृह) और हाथरस जिला प्रशासन के अफसरों को तलब किया था। इसके अलावा हाई कोर्ट ने पी’ड़िता के परिवार के सभी पांच लोगों को भी यहां बुलाया था। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी सरकार (Yogi Govt) को पी’ड़िता का बिना सहमति अंतिम संस्कार करने समेत तमाम मुद्दों पर जमकर फट’कार लगाई।,
इस सुनवाई के दौरान पी’ड़िता के परिवार ने हाई कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए तीन तरह की मांग की। पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले को यूपी के बाहर के किसी राज्य में ट्रांसफर करने का आदेश दे। इसके अलावा परिवार ने अनुरोध किया कि CBI जांच के सभी तथ्य जांच पूरी होने तक पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएं, साथ ही जांच की अवधि में परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
The victim's family has demanded that reports of CBI be kept cofidential. We had also prayed that the case be transferred out of UP. The third demand is that the family be provided security until the case completely concludes: Seema Kushwaha, lawyer of #Hathras victim's family https://t.co/zh7SB1q16E pic.twitter.com/uDpUtJEiMR
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2020
यूपी सरकार ने मांगा 2 नवंबर तक का वक्त
हाथरस कांड की पी’ड़िता के परिवार के साथ प्रसिद्ध वकील सीमा कुशवाहा ने हाई कोर्ट में तमाम दलीलें रखीं। वहीं यूपी सरकार की तरफ से अडिशनल एडवोकेट जनरल विनोद शाही अदालत में जिरह करने पहुंचे। सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव और हाथरस के डीएम एवं एसपी से सवाल पूछे। इसके अलावा पीड़िता के परिवार का बयान भी दर्ज कराया गया। अदालत में यूपी सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए 2 नवंबर तक समय देने की मांग की।
अंतिम संस्कार पर अदालत ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिना परिवार की सहमति के पी’ड़िता का अंतिम संस्कार कराने पर नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा अदालत ने प्रशासन से तमाम और सवाल भी किए। पीड़िता का अंतिम संस्कार ऐसे क्यों किया गया, इसे लेकर अदालत में यूपी सरकार को खास जवाब नहीं दे सकी। इसके बाद अदालत ने 2 नवंबर को फिर सभी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
सुरक्षा देने की मांग को सरकार ने माना
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने पी’ड़िता के परिवार की उस मांग को माना, जिसमें उन्होंने जांच पूरी होने तक सुरक्षा देने का अनुरोध किया है। सरकार ने इसपर सहमति दी। हालांकि हाथरस कांड को लेकर तमाम सवालों पर यूपी सरकार कोर्ट में घिरती दिखी।
इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होनी है, जिसके लिए सभी को फिर यहां आना होगा। बता दें कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई के लिए ही पीड़िता का परिवार हाथरस से लखनऊ पहुंचा था। इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर के आसपास कड़े सुरक्षा इंतजाम भी रहे।