कल 7 अगस्त दिन रविवार को भी अनेक पुलिसकर्मी जिनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं, अचानक यहां गांव में पहुंचे और यहां की एकमात्र मस्जिद मुबारक में एक लगभग 75 वर्षीय बुजुर्ग महबूब हसन जो मस्जिद में मोअज़्ज़न (अज़ान देने वाले ) हैं के साथ न सिर्फ़ बदतमीजी की बल्कि थप्पड़ भी मारा और थाने ले जाकर अपमानित किया।
पुलिस तालिब नामक एक युवक को भी थाने ले गई और कई घंटों तक थाने में रखा। यह पुलिस वाले मस्जिद का सामान बोर्ड, चार्ट और कैमरा की रिकॉर्डिंग डीबीआर भी उठा ले गए और जब मोहम्मद यूनुस खान के लड़के आराफ और लड़की अफीफ़ा खान ने मोबाइल से इसकी वीडियो बनानी चाहिए तो पुलिस वालों ने मोबाइल छीन लिए और रिकॉर्डिंग को समाप्त कर दिया। इनके घर से रिकॉर्डिंग डीबीआर भी पुलिस उठा ले गई, जिसमें मस्जिद में लगे कैमरों का कनेक्शन था ।मोहम्मद इदरीस ख़ान, अब्दुल सत्तार और महबूब हसन ( मस्जिद के मोअज्ज़न ) ने आज पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इस गांव की एकमात्र मुबारक मस्जिद के पीछे कुछ बेनामी तत्व पड़े हुए हैं । वह यहां के पेश इमाम, मोअज्ज़न और नमाज़ियों को भयभीत करने का कार्य कर रहे हैं । पुलिस को बार-बार यहां भेजा जाता है लेकिन यह तत्व सामने नहीं आते।
मुबारक मस्जिद और इस्लामिक एजुकेशन सेंटर के मोहम्मद यूनुस खान ने बताया कि वह मस्जिद मुबारक के केयरटेकर के रूप में भी कार्य करते हैं जबकि अन्य देखरेख करने वालों में इदरीस खान, अब्दुल सत्तार, मोहम्मद तंज़ीम शामिल हैं। मस्जिद के ज़िम्मेदारों के मोबाइल नंबर लिखकर गेट पर लगाए गए थे लेकिन उसे पुलिस वाले उठाकर ले गए, साथ ही मस्जिद के कैमरों की डीबीआर भी ले गए। हमने 112 नंबर पर कॉल की तो हमारी शिकायत दर्ज नहीं की गई लेकिन एक व्यक्ति आज़ाद अख़्तर जो अपने को पुलिस वाला ही बता रहा था यहां आकर हमें समझा-बुझाकर और कोई कार्यवाही नहीं करने को कह कर चला गया। यहां खसरा नंबर 77 में बनी मुबारक मस्जिद जो मोहम्मद साजिद से ली गई ज़मीन पर बनी है को लेकर कुछ समाज विरोधी तत्व आए दिन आतंक का वातावरण बना रहे हैं और यहां के नमाज़ियों और मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में भय का व्याप्त करना चाह रहे हैं।