जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पालयट और सीएम अशोक गहलोत के बीच एकबार फिर सियासी टकराव सामने आया है। सचिन पायलट ने एलान किया है कि वह पूर्व की वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर 11 अप्रैल को जयपुर में अनशन पर बैठेंगे। पायलट ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए इशारा किया कि सत्ता मिलने के साढ़े चार साल बीते जाने के बावजूद मौजूदा कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अब इस टकराव पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आया है।
संवाददाताओं की ओर से इस टकराव को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा- राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत एक सुलझे हुए नेता हैं। उनके सामने पहले भी बहुत सारी अड़चने आई हैं। उम्मीद है कि वह इस मसले को भी सुलझा लेंगे। मालूम हो कि सचिन पायलट ने अपने निवास पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वसुंधरा सरकार के समय सूबे में हुए भ्रष्टाचार के मामलों को कांग्रेस ने जोरशोर से उठाया था। कांग्रेस की सरकार बनी और सत्ता में आने के बाद साढ़े चार साल बाद भी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है।
सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखकर इस बारे में ध्यान आकर्षित कराया था। उन्होंने रविवार को कहा कि मुझे श्रीमती सोनिया गांधी जी ने सूबे में पार्टी की जिम्मेदारी दी और वसुंधरा सरकार की गलत नीतियों का हमने विरोध किया, खास तौर पर हमने भ्रष्ट्राचार के मुद्दों को उठाया। इसी का नतीजा था कि भाजपा की सरकार चली गई। हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं रहे। इसको लेकर 11 अप्रैल को पूर्वाह्न ग्यारह बजे से समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले की जयंती पर शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करूंगा।
पायलट ने कहा- हमनें विपक्ष में रहते हुए वसुंधरा सरकार के समय हुए 45 हजार करोड़ के कथित घोटालों को लेकर आवाज उठाई थी। हमने लोगों से वादा किया था कि यदि हमारी सरकार बनेगी तो इन घोटालों की निष्पक्ष तरीके से जांच कराएंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे। हमारी सरकार साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। मैंने पिछले साल 28 मार्च को मुख्यमंत्री को इस बारे में पहला पत्र लिखा था। पायलट ने यह भी कहा कि वह राजस्थान को लेकर पार्टी आलाकमान को सुझाव दिए थे, जिसमें घोटालों की छानबीन का भी सुझाव शामिल था।