विशेष सचिव मौर्य ने बताया कि खनिज साधन विभाग द्वारा बहुमूल्य और सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण पर जोर दिया जा रहा है। इन खनिजों में निकिल, क्रोमियम, ग्रेफाइट, गोल्ड तथा डायमण्ड जैसे खनिज हैं। पिछले वर्ष 20 महत्वपूर्ण खनिज ब्लाकों का आबंटन ई-नीलामी के माध्यम से किया गया। इन ब्लाकों में देश में पहली बार महासमुंद जिले के निकिल-क्रोमियम के दो ब्लाक भी आबंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 के बाद कुल 29 खनिज ब्लाक आबंटित किए गए हैं, जिनमें से पिछले वर्ष 20 ब्लाक ई-नीलामी से आबंटित किए गए हैं। जिससे राज्य शासन को 01 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा राशि प्राप्त होगी।
विशेष सचिव मौर्य ने बैठक में वर्ष 2022-23 में जिलेवार प्राप्त खनिज राजस्व की समीक्षा की। बैठक के दौरान वर्ष 2023-24 हेतु निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कार्य-योजना पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। बैठक में खनिज साधन विभाग के संयुक्त संचालक अनुराग दीवान ने बताया कि विभाग द्वारा राज्य में अन्वेषण कार्यों में अन्य शासकीय एवं निजी संस्थानों को शामिल करते हुए बहुमूल्य एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण पर जोर देते हुए 46 अन्वेषण योजनाएं संचालित है।
साथ ही विभाग द्वारा इस हेतु क्षमता विकास हेतु नवीन ड्रिलिंग मशीनों, ट्रकों एवं वाहनों सहित विभाग द्वारा एनएमईटी फंड से लगभग 05 करोड़ के विशेष अन्वेषण उपकरणों के क्रय की कार्यवाही की जा रही है। बैठक में विशेष सचिव द्वारा विभागीय कार्यों के बढ़े हुए जिम्मेदारियों को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2004 में अनुमोदित सेटअप में युक्तियुक्त वृध्दि हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में 02 चूनापत्थर, 09 लौह अयस्क, 05 बॉक्साइट ब्लॉक्स, 02 निकल-क्रोमियम पीजीई एवं 02 ग्रेफाईट खनिज सहित कुल 20 ब्लॉक्स का ई-आॅक्शन के माध्यम से खनिपट्टा/कंपोजिट लायसेंस आबंटन किया गया।