27.1 C
New Delhi
Saturday, June 3, 2023

कीटनाशक का विकल्प गोमूत्र से बना ‘ब्रह्मास्त्र’, बढ़ाया जैविक खेती का लक्ष्य

रायपुर
गोवंश, गोबर और गोमूत्र के साथ राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रदेश में गोमूत्र की खरीदी शुरू होने के बाद अब इससे तैयार हो रहा कीटनाशक रसायनिक कीटनाशकों का विकल्प बन गया है। गोमूत्र से बने इस जैविक कीटनाशक को ब्रम्हास्त्र नाम दिया गया है। ब्रम्हास्त्र ने खतरनाक रासायनिक कीटनाशक के विकल्प के रूप में शुद्ध खाद्यान्न् उत्पादन की गारंटी बन गया है।

इसका इस्तेमाल व्यापक स्तर पर करने के लिए सरकार ने प्रदेश में इस वर्ष जैविक खेती का लक्ष्य बढ़ा दिया है। जैविक खेती मिशन के तहत जहां तीन वर्ष में केवल 9,980 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में जैविक खेती हुई है। इस वर्ष छह हजार हेक्टेयर के क्षेत्रफल में जैविक खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह परम्परागत कृषि विकास योजना में एक हजार हेक्टेयर और भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति में 85 हजार हेक्टेयर के क्षेत्रफल में जैविक खेती करने का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार ने प्रदेश में अभी तक 36 हजार नौ लीटर गोमूत्र की खरीदी की है। इनमें अकेले आठ हजार 483 लीटर गोमूत्र की बिक्री हुई है। इसी तरह गोमूत्र से बनने वाले उत्पादों में 9,053 लीटर कीट नियंत्रक और 7,469 लीटर से वृद्धिवर्धक ‘ब्रह्मास्त्र उत्पाद निर्मित किया गया। जिसमें से 5,956 लीटर कीट-नियंत्रक और 2,527 लीटर वृद्धिवर्धक का विक्रय स्थानीय स्तर पर किया गया है। सरकार 28 जुलाई से गोठानों में गोमूत्र की खरीदी चार रुपये प्रति लीटर की दर से कर रही है।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में मौजूद कृषि विज्ञान केंद्रों के कृषि विज्ञानियों की मदद से महिलाओं को जैविक ‘ब्रह्मास्त्र” बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे बनाने के लिए 10 लीटर गोमूत्र, तीन किलोग्राम नीम की पत्ती, दो किलोग्राम करंज की पत्ती, दो किलोग्राम सीताफल की पत्ती, दो किलोग्राम बेल के पत्ते, दो किलोग्राम अरंडी की पत्ती और दो किलोग्राम धतूरा के पत्ते आदि को मिलाया जा रहा है। इससे महिलाओं को रोजगार भी मिला है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,141FollowersFollow

Latest Articles