Webvarta Desk: वर्षों पुराने महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) में खुदाई के दौरान एक प्राचीन मंदिर का अवशेष मिला है। उसके बाद खुदाई रोक दी गई थी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल (Prahlad Patel) के निर्देश पर पुरातत्व विभाग की टीम खुदाई स्थल का निरीक्षण करने पहुंची थी। टीम के सदस्य ने मीडिया को बताया कि इसे देखने से लगता है कि मंदिर (Mahakal Mandir) करीब 1 हजार साल पुराना है।
केंद्रीय टीम में पुरातत्व सर्वेक्षण मंडल भोपाल के अधिकारी थी। इसमें भोपाल से अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ पीयूष भट्ट और खजुराहो से केके वर्मा शामिल थे। दोनों अधिकारियों ने खुदाई स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया है। उसके बाद वास्तिवक रिपोर्ट तैयार करेंगे।
एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नक्काशी देखने यह दसवीं और ग्यारहवीं शताब्दी का मंदिर लग रहा है। अब आगे की खुदाई सावधानी पूर्वक करनी होगी। इसके बाद एक नए इतिहास का पता चलेगा।
परमार काल के हो सकते हैं अवशेष
वहीं, खुदाई के बाद मिले इस प्राचीन मंदिर के अंत के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिली हैं। अभी सिर्फ अवशेष सामने दिख रहे हैं। ऐसे में मंदिर कहां तक है ये कहना मुश्किल होगा। इसलिए विशेषज्ञों की टीम हर चीज की बारीकी से मुआयना कर रही है। उसके बाद ही इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी मिल पाएगी। हालांकि कुछ विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि अवशेषों पर नक्काशी परमारकालीन लग रही है। ये 1000 साल पुरानी हो सकती है।
क्या है मामला
दरअसल, उज्जैन में महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का काम चल रहा है। बीते गुरुवार को मुख्य द्वार के पास खुदाई शुरू हुई थी। सती माता मंदिर के पीछे पत्थर की शिलाएं नजर आई थीं। इसके बाद काम रोक दिया गया था। शुक्रवार सुबह शिलाओं के आसपास सावधानी से खुदाई की गई तो मंदिर का स्ट्रक्चर दिखाई देने लगा। मौके पर मंदिर के शिखर वाले हिस्से दिखाई दे रहे हैं। इससे आगे अभी आसपास खुदाई नहीं की गई है।