वेबवार्ता: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्र सरकार (Central Govt) द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने केंद्र से अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले सशस्त्र बलों में लंबित प्रक्रियाओं के बारे में अलग से जवाब दाखिल करने को भी कहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चार सप्ताह के भीतर संबंधित मंत्रालयों के माध्यमस से केंद्र से जवाब मांगा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से आग्रह किया था कि वो इन याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करे और शीघ्र निपटाए। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता न कहा कि कई हाईकोर्ट में इस योजना को चुनौती दी गई है। बेहतर होगा की सभी याचिकाओं की सुनवाई किसी एक जगह हो।
एक याचिकार्ता ने कहा कि सभी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे क्योंकि लगातार कई राज्यों में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि अदालत पहले हमें यहां सुन ले, उसके आधार पर हाईकोर्ट को निर्देश दे। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हम उन्हें सुनकर ही मामला स्थानांतरित करेंगे।
हाई कोर्ट में 6 याचिकाएं दायर
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ अलग-अलग हाई कोर्ट में 6 याचिकायें दायर हुई हैं। याचिकाकर्ता शेखावत ने कहा कि विभिन्न हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। एसजी ने कहा कि किसी हाई कोर्ट ने अभी कोई आदेश नहीं दिया है। बता दें कि दिल्ली के अलावा केरल, पटना, पंजाब-हरियाणा, उत्तराखंड, कोच्चि के हाईकोर्ट और ट्राइब्यूनल में अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिकाएं लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास लंबित तीनों याचिकाओं को भी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर किया।
2019 का रिक्रूटमेंट प्रोसेस न रुके
एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि 2019 से चल रहे रिक्रूटमेंट प्रोसेस पर रोक न लगे क्योंकि उन लोगों को अब अपॉइंटमेंट लेटर मिलने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया। अब दिल्ली हाईकोर्ट ही अग्निपथ योजना से संबंधित कई हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओ पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद असंतुष्ट पक्ष सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।