मांगे पूरी न होने से नाराज AIIMS में 5000 नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर, मरीजों की बढ़ीं मुसीबतें
Webvarta Desk: एम्स (AIIMS) में करीब पांच हजार नर्सिंग स्टाफ (AIIMS Nursing Staff on Strike) सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि काफी समय से उनकी कुछ मांगे लंबित हैं, जिसे एम्स प्रशासन की ओर से पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके चलते हड़ताल का फैसला लिया गया है। हालांकि यह हड़ताल 16 दिसंबर से शुरू की जानी थी, लेकिन इसे सोमवार से ही शुरू कर दिया गया है।
एम्स नर्सिंग यूनियन के प्रेजिडेंट हरीश काजला का कहना है कि इस हड़ताल (AIIMS Nursing Staff on Strike) को नर्सिंग स्टाफ 16 दिसंबर से शुरू करने वाला था लेकिन एम्स प्रशासन की ओर से दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सोमवार से ही नर्सेज की भर्ती शुरू कर दी गई है। इसके चलते नर्सेज ने तुरंत ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। नर्सेज के मुताबिक उनकी करीब 23 मांगें हैं, जिनमें कुछ प्रमुख मांगे छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना और कई साल से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहीं नर्सेज को पक्का करना शामिल है।
#WATCH Members of AIIMS Nurses Union in Delhi sit on an indefinite strike over redressal of their demands, including that related to 6th Central Pay Commission pic.twitter.com/pHG1k3vVaI
— ANI (@ANI) December 15, 2020
हरीश काजला का कहना है कि काफी लंबे समय से नर्सेज की मांगें अधर में लटकी पड़ी हैं। हालांकि इनमें से कुछ मांगों को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से अनुमति दे दी गई ,थी लेकिन एम्स प्रशासन की ओर से इन मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है। कई बार एम्स प्रशासन से इस बारे में बात की गई, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इसके चलते पिछले महीने 10 नवंबर को सभी नर्सेज की मीटिंग हुई और 13 नवंबर को यह फैसला लिया गया कि 16 दिसंबर से एम्स का पूरा नर्सिंग स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगा।
एम्स प्रशासन तक भी यह बात पहुंचा दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। अब जब 16 दिसंबर नजदीक आ रहा था तो एम्स प्रशासन ने दूसरी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट पर नई नर्सेज की भर्ती शुरू कर दी, जिसके चलते हमें मजबूरन सोमवार से ही हड़ताल करनी पड़ी।
एक भी डिपार्टमेंट में नहीं नर्स
एम्स के पांच हजार नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने की वजह से एक भी डिपार्टमेंट में नर्स नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीज केवल डॉक्टर और परिजन के सहारे ही हैं। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो कई मरीजों की जिंदगी पर यह हड़ताल भारी पड़ सकती है।
हड़ताल खत्म करने की अपील
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक विडियो जारी कर कहा कि मुझे कोरोना के इस दौर में एम्स परिवार की तरफ से किए गए काम पर बेहद गर्व है। पूरे देश को एम्स पर गर्व है। दुर्भाग्यवश इस महामारी के समय में एम्स का नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चला गया है। नर्सिंग स्टाफ से अपील है कि वह काम पर वापिस लौट आएं। उन्होंने कहा हम उम्मीद करते हैं कि जैसे फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने कहा था कि सच्चे नर्स कभी अपने मरीजों को नहीं छोड़ते वैसे ही एम्स के सच्चे नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ेंगे।