नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। सचिन तेंदुलकर के खेल पर कुछ कहना यानी सूरज के आगे दिया दिखाना। यूंही नहीं उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता। दुनिया का ऐसा कोई बोलर नहीं बचा, जिसकी पिटाई सचिन ने नहीं की हो। सबसे ज्यादा पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो उनका बल्ला जमकर रन उगलता था। ऐसा ही एक मैच 2009 में हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम में खेला गया, वहां सचिन ने सेंचुरी ठोकी, लेकिन एक ‘नौसिखिया’ कंगारू बल्लेबाज ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। भारत वो मैच तीन रन से हार गया। तेंदुलकर के 175 रन के आगे उस नए बल्लेबाज के 112 रन मैच विनिंग साबित हुए। तब नए-नए आए उस बल्लेबाज का नाम शॉन मार्श था, जो आज अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं।
बाप-भाई सब क्रिकेटर
शॉन मार्श का जन्म 9 जुलाई 1983 को वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में एक क्रिकेटिंग परिवार में हुआ। पिता ज्योफ मार्श ऑस्ट्रेलिया के ओपनिंग बल्लेबाज थे। बाप के साथ ट्रेवल करने का फायदा शॉन मार्श को मिला। बाएं हाथ के इस शानदार खिलाड़ी ने 17 साल की उम्र में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और 2003 में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ 19 साल की उम्र में एक मैच में शतक बनाया। साल 2008 में अपने वनडे करियर की सफल शुरुआत करते हुए और 2011 में श्रीलंका में टेस्ट डेब्यू पर शानदार शतक बनाकर वह अंततः अंतरराष्ट्रीय रैंक में आगे बढ़े। शॉन मार्श के छोटे भाई मिचेल मार्श तो इस वक्त इंग्लैंड के खिलाफ एशेज में दम दिखा रहे हैं।
IPL ने दिए सपनों को पंख
दुनिया ने सबसे पहली बार शॉन मार्श का नाम आईपीएल में सुना। इंडियन प्रीमियर लीग के पहले ही सीजन में ऑस्ट्रेलिया के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने धूम मचा दी थी। किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से ओपनिंग करते हुए उन्होंने 11 पारियों में 616 रन बनाकर धागा खोल दिया था, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल थे। तीन बार 30+ और एक बार 20+ स्कोर बनाया। इसी प्रदर्शन के बूते उन्हें ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम में जगह मिली। वह नंबर तीन के लिए परफेक्ट दावेदार थे, लेकिन साल खत्म होते-होते केपटाउन टेस्ट के दौरान लगी पीठ की चोट ने करियर खराब कर दिया। हालांकि दोबारा भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट टीम में शामिल किए गए, लेकिन वापसी अच्छी नहीं रही।