इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी और निर्णायक मुकाबले में ऋषभ पंत ने शतकीय पारी खेलकर भारत को हारा हुआ मैच जिताया। हालांकि इस जीत में हार्दिक पांड्या का भी योगदान भूलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने गेंद से 4 विकेट झटके और फिर बल्ले से भी महत्वपूर्ण 77 रन बनाए। ऋषभ पंत की ये पारी कई मायनों में टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत है। पंत ने इस पारी के जरिए ये भी दिखाया कि उनके पास पारी बुनने की कला है और वह बिना कोई रिस्की शॉट खेले भी बड़े स्कोर तक पहुंच सकते हैं।
ऋषभ पंत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में आया ये शतक और भी खास इस वजह से है क्योंकि वनडे फॉर्मेट का उनका ये पहला शतक है। पंत ने नाबाद 125 रन बनाते हुए अपनी पारी में 113 गेंद में 16 चौके और दो छक्के लगाये। जिसमें उन्होंने 42वें ओवर में डेविड विली पर लगातार पांच चौके भी जड़े।
अंतिम वनडे मैच में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी मैच जिताऊ पारी के बाद ऋषभ पंत इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट और वनडे दोनों में शतक बनाने वाले पहले एशियाई विकेटकीपर-बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले ऋषभ पंत ने एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने टेस्ट में सबसे तेज शतक के मामले में महेंद्र सिंह धोनी के 17 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ा। धोनी ने 93 गेंदों में शतक लगाया था, जबकि ऋषभ पंत ने 89 गेंदों में ही ताबड़तोड़ शतक जड़ दिया था।
मैच की बात करे तो भारत ने हार्दिक पंड्या के हरफनमौला प्रदर्शन और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (नाबाद 125) के पहले वनडे शतक की बदौलत इंग्लैंड को पांच विकेट से हराकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। भारत ने पहला वनडे 10 विकेट से जीता था जबकि दूसरे वनडे में इंग्लैंड ने 100 रन की जीत से बराबरी हासिल की थी।