नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के दौरान एक खास और दिलचस्प पल तब आया जब उन्होंने इंग्लैंड के युवा क्रिकेटरों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उनके साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भी मौजूद थे। यह कार्यक्रम लंदन के चेकर्स एस्टेट में आयोजित हुआ और दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों को और सशक्त बनाने पर चर्चा हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, “क्रिकेट का यह रिश्ता अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के युवा क्रिकेटरों से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने में क्रिकेट की भूमिका पर चर्चा की।”
क्रिकेट से बंधी भारत-इंग्लैंड की कूटनीति
भारत और इंग्लैंड का क्रिकेट के मैदान पर रिश्ता करीब 100 साल पुराना है, लेकिन अब यह मैदान से आगे सांस्कृतिक और कूटनीतिक पुल का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यह मुलाकात केवल खेल के शौक तक सीमित नहीं रही, बल्कि इससे यह संकेत भी गया कि क्रिकेट युवा जुड़ाव और द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दे सकता है।
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी: वर्तमान का संग्राम
इस समय भारतीय पुरुष टीम इंग्लैंड में 5 टेस्ट मैचों की “एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी” खेल रही है। शुरुआती 3 मैचों में इंग्लैंड ने 2 जीत दर्ज की है, जबकि भारत ने एक मैच में बाज़ी मारी है। मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट फिलहाल जारी है। इस हाई-प्रोफाइल सीरीज़ में दोनों देशों के क्रिकेट प्रेम की झलक देखने को मिल रही है।
महिला और अंडर-19 क्रिकेट: नई पीढ़ी का प्रभाव
हाल ही में भारत की महिला क्रिकेट टीम ने भी इंग्लैंड में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने वनडे और टी20 दोनों सीरीज में मेज़बान टीम को हराया। यह पहली बार था जब भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड को उसकी धरती पर दोनों प्रारूपों में पराजित किया।
साथ ही भारत की अंडर-19 टीम भी इंग्लैंड के दौरे पर है, जिसमें आयुष म्हात्रे और वैभव सूर्यवंशी जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शामिल हैं।
भारत-इंग्लैंड क्रिकेट: एक साझा विरासत
भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच 1932 में खेला गया था, जबकि पहला वनडे मुकाबला 1974 में हुआ। आज क्रिकेट दोनों देशों के बीच जन-जन के जुड़ाव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बन चुका है। आईपीएल और ‘द हंड्रेड’ जैसे टूर्नामेंटों में दोनों देशों के खिलाड़ियों की भागीदारी इस रिश्ते को और मज़बूत करती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की युवा क्रिकेटरों से यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं थी, बल्कि यह कूटनीति के मैदान पर एक रचनात्मक रन की तरह थी। इससे यह स्पष्ट है कि खेल, विशेषकर क्रिकेट, केवल मनोरंजन नहीं बल्कि वैश्विक संवाद और युवा प्रेरणा का शक्तिशाली माध्यम बन चुका है।