वेबवार्ता: इंडिया एक्सपो मार्ट (India Expo Mart) में वर्ल्ड डेयरी समिट-2022 (IDF World Dairy Summit) आज से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सुबह 10.30 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। पीएम के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 50 देशों के मेहमान व प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।
एक्स्पो सेंटर (India Expo Mart) में कुल 11 हॉल हैं, जिसमें डेयरी उद्योग से जुड़े कई विश्वस्तरीय प्रदर्शनी (IDF World Dairy Summit) भी लगाई गई हैं। अलग-अलग हॉल के नाम भी गायों की विभिन्न प्रजातियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें गीर, साहिवाल और मुर्रा आदि प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री जिस हॉल में डेयरी उद्योग महाकुंभ (IDF World Dairy Summit) को संबोधित करेंगे, उसका नाम गीर हॉल है। सुरक्षा के लिए 3 हजार से अधिक पुलिस, पैरामिलिट्री, पीएसी के जवान लगाए गए हैं। एसपीजी ने भी सुरक्षा की कमान संभाल ली है। ट्रैफिक पुलिस ने कई रूट्स पर डायवर्जन किया है। ऐसे में बाहर निकलने से पहले रूट डायवर्जन प्लान देख लें।
घर से निकलने से पहले रूट डायवर्जन देखें
- नोएडा से एक्सप्रेसवे होकर ग्रेनो की ओर से जाने वाले वाहन रजनीगंधा चौक, सेक्टर-37 होकर गंतव्य तक पहुंचेंगे।
- वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए एक्सप्रेसवे पर आने वाले वाहनों को चिल्ला बॉर्डर से सेक्टर एक इंडियन आयल गोलचक्कर से रजनीगंधा, सेक्टर-37 होकर गंतव्य के लिए रवाना किया जाएगा।
- डीएनडी से एक्सप्रेसवे पर जाने वाले वाहनों को रजनीगंधा से सेक्टर-37 की तरफ भेजा जाएगा।
- एलिवेटेड रोड से एक्सप्रेसवे पर जाने वाले वाहनों को भी सेक्टर-37 के रास्ते गंतव्य को भेजा जाएगा।
- परी चौक से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों को अल्फा कमर्शल बेल्ट और पी थ्री सेक्टर होकर चिल्ला व डीएनडी की तरफ भेजा जाएगा।
- सर्विस रोड से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाले यातायात का सर्विस रोड से संचालन कराया जाएगा।
- जीरो पॉइंट से परी चौक की ओर जाने वाला यातायात जीरो पॉइंट से नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे होकर पंचशील अंडरपास से एनएसईजेड होकर गंतव्य तक जा सकेगा।
- वीआइपी वाहनों पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इस दौरान रास्तों पर यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने तैयारियों को परखा
सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेशी अतिथियों का आना रविवार से ही प्रारंभ हो गया। देश-विदेश से 1500 डेयरी उद्योग के विशेषज्ञ, किसान, नीति निर्माता इसमें हिस्सा लेंगे। दुनियाभर के अतिथियों की मेजबानी का यूपी को मिले इस मौके में किसी प्रकार की कमी न रह जाए, इसलिए तैयारियों का जायजा लेने सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को ही ग्रेनो पहुंचे गए।
आदित्यनाथ ने इंडिया एक्स्पो मार्ट में आयोजित कार्यक्रम स्थल से लेकर तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण अधिकारियों के साथ करने के साथ उनको दिशा-निर्देश भी दिए। आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा मछलीपालन, पशुपालन एवं डेयरी के लिए केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी हिस्सा लेंगे।
At 10:30 AM tomorrow, 12th September, will inaugurate the IDF World Dairy Summit 2022. I would urge all those passionate about agriculture and the dairy sector to join tomorrow’s programme, which brings different stakeholders of the sector together. https://t.co/3N263mKxyp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2022
इंटरनैशनल डेयरी फेडरेशनल के अध्यक्ष पियर क्रिस्टियानो, आईडीएफ की महानिदेशक मिस कैरोलीन एमंड ने रविवार को कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। उनके साथ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह भी मौजूद थे। 50 देशों के जिन 1433 प्रतिभागियों ने सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नामांकन कराया है। उसमें से पांच सौ से ज्यादा पहुंच गए हैँ। रात को भी तमाम विदेशी अतिथियों के भारत आने की संभावना है। इस सम्मेलन में यूएसए (29), फ्रांस (36), जर्मनी (25), कनाडा (15) और बेल्जियम (12) अतिथि अब तक पहुंच चुके हैं।
भारत में डेयरी क्षेत्र का होगा विकास
सम्मेलन में वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यावसायिक और विपणन सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें दुनियाभर के डेयरी विशेषज्ञ, नेता और संबंधित पक्ष डेयरी क्षेत्र के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके जरिये भारत विकसित देशों से सबक लेकर दूध उत्पादकता में सुधार करेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। यह उपलब्धि लाखों छोटे और सीमांत डेयरी किसानों के माध्यम से हासिल की गई है। इनके लिए डेयरी एक आजीविका का महत्वपूर्ण स्रोत है। पिछले 50 साल में भारतीय डेयरी क्षेत्र बड़े परिवर्तन आए हैं। इस लिहाज से यह आयोजन महत्वपूर्ण है।
क्या है इस साल की थीम
बता दें कि इस साल विश्व डेयरी सम्मेलन-2022 की थीम – डेयरी फॉर न्यूट्रीशन एंड लाइवलीहुड है। 48 साल पहले जब सम्मेलन हुआ था तब भारत दुग्ध उत्पादों के लिए आयात पर निर्भर था। भारत अब दूध उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर बन चुका है। भारत की कोशिश है कि आने वाले वर्षों में दुग्ध उत्पादों का निर्यातक बने।