नई दिल्ली, 14 मई (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता कराने का श्रेय लिया। इस पर कांग्रेस ने विवादित टिप्पणी की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को इस बारे में बताना चाहिए कि क्या उन्होंने अमेरिका के दबाव में देश के सुरक्षा हितों को गिरवी रख दिया? कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि ‘कुछ दिन पहले हमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम का पता चला। अब कल सऊदी अरब में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप ने खुलासा किया कि उन्होंने संघर्ष विराम के लिए व्यापार प्रतिबंध की धमकी दी थी।’
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘इस बारे में बातूनी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री का क्या कहना है? क्या उन्होंने अमेरिकी दबाव में भारत के सुरक्षा हितों को गिरवी रख दिया?’ बीते साल भाजपा ने इस बात को खूब प्रचारित किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन वॉर रुकवा दी। इसके लिए एक विज्ञापन भी तैयार कराया, जिसमें दिखाई दिया कि एक लड़की ने अपने पिता से कहा कि ‘मैंने कहा था ना कि कैसी भी परिस्थिति हो, मोदी जी हमें घर ले आएंगे, वॉर रुकवा दी पापा और फिर हमारी बस निकाली पापा’। इस पर तंज कसते हुए जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ‘अमेरिकी पापा ने वॉर रुकवा दी क्या?’
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को रियाद में एक कार्यक्रम में कहा कि ‘हाल ही में मेरे प्रशासन ने सफलतापूर्वक भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक संघर्ष विराम कराया है। इसके लिए मैंने व्यापार का इस्तेमाल किया और कहा कि परमाणु हथियारों का आदान-प्रदान करने के बजाय चीजों का व्यापार करें। दोनों ताकतवर और अच्छे नेता हैं और दोनों मान गए और ये सब रुक गया। उम्मीद है कि ये ऐसा ही रहेगा।’ इससे पहले भी ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाया। हालांकि भारत सरकार साफ कह चुकी है कि संघर्ष विराम के लिए भारत और पाकिस्तान के मध्य बातचीत हुई और इसमें किसी ने मध्यस्थता नहीं की। भारत ने ये भी कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है औऱ इसमें किसी तीसरे पक्ष के लिए जगह नहीं है। सरकार ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।