नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीद जारी रखने के चलते भारतीय उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने का फैसला अब प्रभाव में आ गया है। 7 अगस्त 2025 से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत प्रारंभिक टैरिफ लागू हो चुका है, जबकि 27 अगस्त से 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लागू हो जाएगा।
इस निर्णय को लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे “अनुचित, तर्कहीन और अकारण” करार दिया है।
🔍 क्या है मामला?
30 जुलाई 2025 को अमेरिका ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो आज से प्रभावी हो गया है। 6 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया कार्यकारी आदेश जारी करते हुए अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान के अनुसार,
“भारत रूस से तेल का आयात जारी रखे हुए है और यह अमेरिका की वैश्विक प्रतिबंध नीति के खिलाफ है। इसी कारण अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया है।”
🛢️ भारत का जवाब: तेल आयात राष्ट्रीय हित में
भारत सरकार ने इस फैसले को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए अमेरिका को जवाब दिया कि,
भारत का ऊर्जा आयात पूरी तरह बाजार आधारित और जरूरतों पर आधारित है।
इसका उद्देश्य 1.4 अरब आबादी की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
भारत किसी भी देश की तरह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा में प्रतिबद्ध है।
भारत ने यह भी कहा कि
“जब अन्य देश भी इसी तरह की रणनीति अपनाते हैं, तो भारत को निशाना बनाना अन्यायपूर्ण है।”
📊 किन भारतीय क्षेत्रों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
अमेरिका में लगाए गए 50% तक के टैरिफ से निम्न उद्योगों पर भारी असर पड़ने की आशंका है:
कपड़ा उद्योग
समुद्री उत्पाद
रत्न और आभूषण
चमड़ा और हस्तशिल्प उत्पाद
इसके साथ ही भारत को अपने प्रतिद्वंद्वी देशों से भी चुनौती मिलेगी, जिन्हें अमेरिका ने कम टैरिफ श्रेणी में रखा है।
देश | कुल टैरिफ प्रतिशत |
---|---|
भारत | 50% |
ब्राजील | 50% |
म्यांमार | 40% |
थाईलैंड | 36% |
कंबोडिया | 36% |
बांग्लादेश | 35% |
चीन | 30% |
श्रीलंका | 30% |
📦 कौन-से उत्पाद रहेंगे टैरिफ से बाहर?
टैरिफ से फिलहाल कुछ रणनीतिक और आवश्यक उत्पाद बाहर रखे गए हैं:
फार्मास्यूटिकल्स
इलेक्ट्रॉनिक्स (कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन)
महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ
🧑💼 भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से क्या उम्मीद?
यह ध्यान देने योग्य है कि 25 अगस्त 2025 को अमेरिका की व्यापारिक वार्ताकारों की एक टीम भारत आने वाली है ताकि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा की जा सके। यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा और व्यापार संबंधों में स्थिरता के लिए समाधान पर जोर देगा।
⚠️ भविष्य की रणनीति
भारत सरकार के अनुसार,
“सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह WTO में अपील हो या वैकल्पिक बाज़ार तलाशना।”
भारत अब निर्यात विविधीकरण, वैकल्पिक साझेदारों की खोज, और घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा योग्य बनाने की दिशा में तेजी से काम कर सकता है।