Monday, October 20, 2025
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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: 9 सितंबर को, नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त: चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना

-उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त और मतदान 9 सितंबर को होगा। जानें पूरी प्रक्रिया।

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।

यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पांच वर्षीय कार्यकाल के समाप्त होने से पहले आयोजित किया जा रहा है। भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, और यह पद देश की संवैधानिक व्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं।


उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: की मुख्य तिथियाँ:

क्रमांकविवरणतिथि और समय
(i)निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी करना07 अगस्त, 2025 (गुरुवार)
(ii)नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख21 अगस्त, 2025 (गुरुवार)
(iii)नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख22 अगस्त, 2025 (शुक्रवार)
(iv)अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख25 अगस्त, 2025 (सोमवार)
(v)वह तारीख, जिस दिन मतदान, यदि आवश्यक हुआ, करवाया जाएगा09 सितंबर, 2025 (मंगलवार)
(vi)मतदान का समयपूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 05:00 बजे तक
(vii)वह तारीख, जिस दिन मतगणना, यदि आवश्यक हुई, करवाई जाएगी09 सितंबर, 2025 (मंगलवार)

 


मतदान प्रक्रिया और पात्रता

उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित एवं मनोनीत सभी सदस्यों द्वारा किया जाता है। मतदान गोपनीय और वरीयता के आधार पर होता है, जिसे एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली कहा जाता है। राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत, इसमें राज्य विधानसभाओं के सदस्य भाग नहीं लेते।


अब तक कितने उपराष्ट्रपति हुए हैं भारत में?

भारत को अब तक 14 उपराष्ट्रपति मिल चुके हैं। पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे, जिन्होंने 1952 से 1962 तक इस पद को संभाला और बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। वर्तमान में जगदीप धनखड़ इस पद पर आसीन हैं, जो अगस्त 2022 में निर्विरोध उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।


चुनाव आयोग की तैयारी

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराया जाएगा। सभी सांसदों को पहले से ही अधिसूचना और नामांकन संबंधित दस्तावेज भेजे जा रहे हैं। ईवीएम या डिजिटल मतदान का उपयोग इस चुनाव में नहीं होता, क्योंकि यह विशेष श्रेणी का चुनाव होता है।


राजनीतिक हलचलें तेज

चुनाव की तारीख तय होते ही राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही खेमों में उपयुक्त उम्मीदवारों के नाम पर विचार चल रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार फिर कोई सर्वसम्मति बनती है या चुनावी टकराव देखने को मिलेगा।

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