नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह होने वाली दुनिया के दो देशों ब्रिटेन और मालदीव के आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम की जानकारी सामने आ गई है। 23 से 26 जुलाई तक उनकी यह यात्रा होगी। जिसका पहला पड़ाव ब्रिटेन होगा। जहां प्रधानमंत्री 23 से 24 जुलाई तक रहेंगे और ऐतिहासिक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके बाद 25 से 26 जुलाई तक पीएम की यात्रा का दूसरा पड़ाव मालदीव होगा। जिसका उद्देश्य मालदीव के 60वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करना है। बीते समय में दोनों देशों के मध्य आए कूटनीतिक तनाव के बीच भारत के शीर्ष नेता की यह पहली मालदीव की यात्रा होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2019 में मालदीव की यात्रा की थी।
ब्रिटेन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव जाएंगे। जहां वह मालदीव के 60वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा पीएम की मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के साथ एक बैठक हो सकती है। जिसमें दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। राष्ट्रपति मोइज्जू के कार्यकाल और उसके साथ ही दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में आई तल्खी के बीच की जा रही प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली मालदीव यात्रा है। जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के इस द्वीपीय देश के कुछ नेताओं द्वारा की गई भारत विरोधी टिप्पणियां और बयानबाजी (इंडिया आउट अभियान, चीन का खुला समर्थन) मुख्य रूप से शामिल है।
पीएम की मालदीव की यात्रा की बात करें तो यह दोनों देशों के बीच चिंताओं से जुड़े मामलों के अलावा आपसी सहयोग को मजबूत बनाने, क्षेत्रीय स्थिरता और भारत की आईओआर में पड़ोस सबसे पहले नीति के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी। यात्रा के केंद्र में दोनों देशों के बीच विश्वास की पुनर्बहाली और भागीदारी को और व्यापक बनाने का मुद्दा भी रहेगा। क्षेत्रीय स्थायित्व और देश के सामरिक हितों के लिहाज से भी प्रधानमंत्री से यह खासा महत्व रखती है।