नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के धौला कुआं स्थित आर्मी अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल के डाक्टरों ने बिना ओपन सर्जरी के दो बच्चों के दिल में वाल्व लगाने में सफलता हासिल की है। अस्पताल का दावा है कि सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में पहली बार इतने कम उम्र के मरीज को बिना सर्जरी किए दिल में पल्मोनरी वाल्व लगाया गया है। आम तौर पर इसके लिए ओपन सर्जरी की जरूरत पड़ती है। पल्मोनरी वाल्व हृदय के दायें वेंट्रिकल और फेफड़े में ब्लड आपूर्ति करने वाली धमनी के बीच होता है।
लगाया गया दिल का वाल्व
अस्पताल के अनुसार, दोनों बच्चों को जन्मजात दिल की बीमारी थी। इस वजह से उनका वाल्व खराब हो गया था। डाक्टरों ने जांघ के पास थोड़ा चीरा लाकर धमनी में कैथेटर डालकर दिल का वाल्व लगाया गया। लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह के नेतृत्व में यह काम किया गया है। सामान्य तौर पर इस तरह के मामलों में ओपन सर्जरी करनी पड़ती है।
सुहाग की रक्षा के लिए पत्नी ने लिवर दानकर पति को बचाया
वहीं करवाचौथ की पूर्व संध्या पर सुहाग की रक्षा के लिए पत्नी ने एक निजी अस्पताल में लिवर दानकर पति की जान बचाई। पंजाब स्थित अमृतसर निवासी 37 वर्षीय विशु अरोड़ा काफी दिनों से लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे। हाल ही में संक्रमण के कारण उनका लिवर गंभीर रूप से खराब हो गया था। उनकी हालत लगातार खराब होती गई, जिसके कारण कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया।
लिवर का 65 फीसदी हिस्सा दान करने का निर्णय
मरीज की गंभीरता को देखते हुए द्वारका स्थित आकाश अस्पताल के डॉक्टरों ने लिवर प्रत्यारोपण का विकल्प दिया। इसके बाद 27 वर्षीय मनीषा अरोड़ा ने पति की जान बचाने के लिए लिवर का 65 फीसदी हिस्सा दान करने का निर्णय लिया। महिला ने कहा कि यह फैसला करवाचौथ की सच्ची भावना को दर्शाता है, जहां विवाहित महिलाएं पतियों की भलाई और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। लिवर प्रत्यारोपण के बाद मरीज की तबीयत में काफी सुधार है। कुछ दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।