मुरैना/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक दिन पहले भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमानों (सुखोई-30 एमकेआई और एक मिराज-2000) के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह सामने आ सकती है। दोनों विमानों में से एक का पूरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) मिल गया है। वहीं दूसरे विमान के फ्लाइट का डेटा रिकॉर्डर का आधा हिस्सा ही मिला है। यह जानकारी एक अधिकारी ने रविवार को दी। मुरैना जिले के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने बताया कि मिराज का ब्लैक बॉक्स मुरैना जिले के पहाड़गढ़ इलाके में मिल गया है। सुखोई विमान के ब्लैक बॉक्स का आधा हिस्सा भी पहाड़गढ़ इलाके में मिला है।
सुखोई के ब्लैक बॉक्स का बाकी हिस्सा पहाड़गढ़ से सटे राजस्थान के भरतपुर में गिरा हो सकता है। मालूम हो कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर वह मशीन होती है जो उड़ान के दौरान किसी विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करती है। इसका उपयोग दुर्घटना की वजहों का पता लगाने के लिए किया जाता है। भारतीय वायुसेना, पुलिस के साथ अन्य लोग सुखोई के डेटा रिकॉर्डर के बाकी हिस्से की तलाश कर रहे हैं।
मालूम हो कि मुरैना जिले में शनिवार को भारतीय वायुसेना के ये दो लड़ाकू विमान एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। इसमें मिराज विमान के पायलट विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी की शहादत हो गई थी, जबकि सुखोई विमान के दो पायलट विमान से सुरक्षित बाहर निकल गए थे। एक पायलट को घातक चोटें आई हैं। दोनों को घायल अवस्था में एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी एक सीट वाले मिराज-2000 विमान को सारथी उड़ा रहे थे।
रक्षा विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि रूस में डिजाइन किए गए सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और फ्रांसीसी मिराज-2000 के बीच आसमान में टक्कर हुई होगी। हालांकि भारतीय वायुसेना की ओर से इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई। अधिकारियों के अनुसार हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने विमान हादसे की जानकारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी थी।
दोनों विमानों का मलबा जिले के पहाड़गढ़ इलाके में गिरा था जबकि कुछ हिस्सा राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र में भी गिरा, जो मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। पायलट का शव पहाड़गढ़ इलाके में मिला। दोनों विमानों ने ग्वालियर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी। वायुसेना के इस एयरबेस पर सुखोई-30 एमकेआई और मिराज 2000 विमान, दोनों के स्क्वाड्रन हैं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट ने पिछले साल मार्च में राज्यसभा में जानकारी दी थी कि बीते पांच वर्षों के दौरान सेना के तीनों अंगों के विमानों और हेलीकाप्टरों से जुड़े हादसों में 42 रक्षाकर्मियों ने जान गंवाई है। वहीं मार्च 2017 और दिसंबर 2021 के बीच, 15 सैन्य हेलीकॉप्टरों से जुड़े हादसों में 31 लोगों की जान गई है।