नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने भारत दौरे के दौरान कहा कि उनका देश प्रतिबद्ध है कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी ऐसी गतिविधि के लिए नहीं होने देगा, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए यह भी रेखांकित किया कि लोकतंत्र कोई तमाशा नहीं है, बल्कि इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। अमरसूर्या ने ‘लोकतंत्र की सुंदरता’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके बल पर सामान्य नागरिक सार्वजनिक शिक्षा और साझा संघर्षों से राष्ट्र सेवा के लिए आगे बढ़ सकते हैं। यह बयान दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी को दर्शाता है।
अमरसूर्या 16 से 18 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर थीं, जो प्रधानमंत्री पदभार संभालने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा थी। उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जहां शिक्षा, आर्थिक सहयोग और कनेक्टिविटी पर चर्चा हुई।
श्रीलंका ने भारत को बताया सच्चा मित्र
अमरसूर्या ने श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान भारत की सहायता का जिक्र करते हुए कहा कि यह सबसे बुरे समय में एक सच्चे मित्र का हाथ था। उन्होंने कहा, “भारत-श्रीलंका संबंध सभ्यतागत, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से बंधे हैं, जो दो सहस्राब्दियों से चले आ रहे हैं।” उन्होंने क्रिकेट का भी जिक्र किया, कहा कि 1991 में पढ़ाई के लिए भारत आने पर लोग उन्हें सनथ जयसूर्या से जोड़ते थे।
अमरसूर्या ने छात्रों से कठिन प्रश्न पूछने और धारणाओं को चुनौती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा और सहानुभूति साथ चलनी चाहिए। करुणा के बिना बुद्धिमत्ता अधूरी है।” उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा पर जोर दिया।
हिंदू कॉलेज में जोरदार स्वागत: पूर्व छात्रा की वापसी
Grand welcome for Sri Lankan Prime Minister Harini Amarasuriya at Hindu college of Delhi University pic.twitter.com/24dZNd5cmA
— Sidhant Sibal (@sidhant) October 16, 2025
अमरसूर्या ने 1991-94 में हिंदू कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक किया था। कॉलेज पहुंचते ही उन्हें जोरदार स्वागत मिला। प्राचार्य अंजू श्रीवास्तव ने इसे “गर्व का क्षण” बताया। अमरसूर्या ने क्लासरूम 27 का दौरा किया, जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। उन्होंने परफ्यूमरी लैब और ई-नॉलेज सेंटर देखा। कॉलेज ने उनके नाम पर ‘सोशियो-एथ्नोग्राफिक लैब’ स्थापित करने का फैसला किया।
उन्होंने छात्रों से बातचीत की, दो पेड़ लगाए और ‘कॉलेज संसद’ के सदस्यों से मिलीं। अमरसूर्या ने कहा, “यहां की विविधता और कठिन प्रश्न पूछने की संस्कृति मेरी स्मृति में बसी है।”
यात्रा का महत्व: द्विपक्षीय संबंध मजबूत
यह यात्रा भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और श्रीलंका की आर्थिक सुधारों का समर्थन दर्शाती है। अमरसूर्या ने IIT दिल्ली और नीति आयोग का दौरा किया, जहां शिक्षा और प्रौद्योगिकी पर सहयोग की चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “भारत हमारे आर्थिक सुधारों का समर्थन कर रहा है और संकट में कोलंबो के साथ खड़ा है।”
श्रीलंका PM ने कहा, “मुझे क्रिकेट भी जोड़ना चाहिए। जब मैं 1991 में यहां आई थी, तो लोग मुझसे सनथ जयसूर्या के बारे में पूछते थे।” यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही।