नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। हिंदुस्तान के दिन मध्य प्रदेश को चीतों की धरती भी कहा जाता है। पिछले साल सितंबर माह में यहां नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाया गया था। उनके अनुकूल वातावारण और व्यवस्था की गई थी। खुद पीएम मोदी उनके स्वागत के लिए मौजूद थे। लेकिन,2 महीने में तीन वयस्क चीतों के बाद तीन बच्चों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। समझ नहीं आ रहा है कि इतने कम समय में हुई चीतों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट का बयान और चिंता में डाल सकता है। उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ महीनों में और चीतों की मौत हो सकती है।
दक्षिण अफ्रीका के वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट ने क्या कहा
दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव विशेषज्ञ विंसेंट वांडर मर्वे चीतों को भारत लाने वाले प्रोजेक्ट से काफी करीब से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि विगत 2 महीने में 6 चीतों की मौत हो गई। आने वाले समय में और चीतों की मौत हो सकती है। मर्वे ने कहा कि चीतों की इतने कम समय में मौत यह भी सवाल खड़ा करती है कि क्या मध्य प्रदेश का कूनो नैशनल पार्क चीतों के लिए आदर्श जगह है या नहीं। वांडर मर्वे ने आगे कहा कि हम इसपर बारीकी से नजर रख रहें हैं कि आखिर चीतों को हुआ क्या था। उनकी मौत कैसे हुई? आगे और चीतों की मौत क्यों होगी? चीतों को बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं? चीतों को बचाने के लिए कौन-कौन से प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं आदि।
मर्वे ने कहा कि 2 महीने में 6 चीतों की मौत की घटना वाकई दुखद है। लेकिन, यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पहले भी मादा चीता ने अपने बच्चों को खोया है। आगे कहा कि सामान्यत: चीतों के मौत की दर ज्यादा रहती है। ऐसा हमने दक्षिण अफ्रीका में भी देखा था। तब हमने इन्हें फेंस के बिना बने सिस्टम में शिफ्ट किया था।
6 चीतों की मौत, 3 वयस्क
बता दें कि पिछले साल, सितंबर के महीने में नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया गया था। इन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नैशनल पार्क में रखा गया था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चीतों का स्वागत किया था। उन्हें कूनो में बने बाड़े में छोड़ा था। इसके बाद 3 चीतों की मौत हो गई। इसी साल मार्च महीने में नामीबिया से लाया चीता शाशा की मौतत हो गई थी। मौत की वजह किडनी से जुड़ी समस्या बताई गई थी।
वहीं अप्रैल महीने में एक और चीता उदय, जिसे दक्षिण अफ्रीका से कूनो शिफ्ट किया गया था, उसकी भी मौत हो गई। इसके ठीक एक महीने बाद मई माह में एक मादा चीता दक्क्षा की मौत हो गई। उसकी मौत एक नर चीते से लड़ाई के दौरान हुई थी। इस अचानक हुई मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गए थे। वहीं 3 दिन के अंदर 3 चीतों के बच्चों ने भी जिंदगी छोड़ दी। इन सबके बीच अफ्रीका से अगले 5 से 10 साल में और चीतों को भारत लाने की प्लानिंग है।