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Sunday, October 1, 2023

दिल्ली बिल के बहाने शाह ने विपक्ष को चौतरफा घेरा

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को चौतरफा घेरा। शाह ने एक बार भी विपक्षी गठबंधन को I.N.D.I.A नहीं कहा बल्कि कई बार यूपीए कहकर संबोधित किया।

घेरा नंबर 1
मॉनसून सत्र शुरू होने के साथ ही विपक्षी सांसद मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री के सदन में आकर बयान देने की मांग कर रहे थे। सत्र जितनी देर भी चला पूरे वक्त विपक्षी सांसद वेल पर आकर नारेबाजी करते रहे। लेकिन दिल्ली बिल पर चर्चा में विपक्ष ने पूरी भागीदारी दिखाई और इसमें हिस्सा लिया। अमित शाह ने इसे लेकर विपक्षी गठबंधन को घेरा। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि आज चर्चा हुई इसकी खुशी है। मॉनसून सत्र में अब तक 9 बिल पास हो गए, सभी बिल अहम थे तब विपक्ष ने कहा पीएम आकर जवाब दें। पर आज क्या हुआ। उन्होंने कहा कि इन्हें न जनता की चिंता है न लोकतंत्र की चिंता है, ये अपने गठबंधन को बचाने के लिए यहां आए हैं।

घेरा नंबर 2
शाह ने कहा कि विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है। सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए शुरू से ही तैयार है। जितनी लंबी चर्चा करनी है करें हम तैयार हैं। मैं हर चीज का जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भ्रमित करना चाहता है लेकिन जनता सब जानती है। बीजेपी और सरकार शुरू से विपक्ष पर मणिपुर पर चर्चा से भागने और महज सदन की कार्यवाही में व्यधान डालने का आरोप लगा रहा है।

घेरा नंबर 3
शाह ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के लिए सिर्फ गठबंधन अहम है। इन्हें किसी की चिंता नहीं बल्कि अपने गठबंधन की चिंता है। अगर ऐसा नहीं है तो अब तक के सारे बिल में क्यों इन्होंने हिस्सा नहीं लिया। वे सारे बिल अहम नहीं हैं क्या। शाह ने कहा कि ये बिल इनके लिए इसलिए अहम है क्योंकि यह इनके गठबंधन को नुकसान करता। शाह ने कहा कि ये बिल पास होने के बाद वैसे भी आपका गठबंधन टूट जाने वाला है केजरीवाल जी आपको बाय बाय कर देंगे। शाह ने कहा कि 9 बिल पास हो गए और विपक्षी कहते रहे मणिपुर पर चर्चा करो, मेरे सामने पोस्टर लेकर खड़े हो गए। लेकिन जैसे ही गठबंधन टूटने वाला बिल आया इन्हें मणिपुर भी याद नहीं आया, दंगे भी याद नहीं आए और लोकतंत्र भी याद नहीं आया।

घेरा नंबर 4

शाह ने विपक्षी गठबंधन को घेरते हुए कहा कि ये यूपीए का गठबंधन नहीं है। यह सत्ता के स्वार्थ के लिए बना है। बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस, लेफ्ट सब लड़ते हैं बेंगलुरु में साथ में बैठते हैं। जेडीयू का जन्म ही आरजेडी का विरोध करने के लिए हुआ। वही जेडीयू आज सत्ता प्राप्त करने के लिए गठबंधन में है। जो बाला साहब के सिद्धांतों पर चलते थे वे आज कांग्रेस के साथ बैठे हैं। केरल में एलडीएफ यूडीएफ दोनों आमने सामने थे सत्ता के कारण दोनों इक्ठ्ठे आए हैं। शाह ने कहा कि आप गठबंधन को बढ़ाना चाहते हैं। आपके मन में ऐसी कल्पना है कि गठबंधन से मोदी जी के खिलाफ चुनाव जीत जाएंगे। दो-तीन और लोगों को ढूंढ लाओ पर अगले पीएम नरेंद्र मोदी ही बनेंगे। उन्होंने विपक्षी सांसदों से अपील भी की कि आप दिल्ली की सोचिए, गठबंधन की मत सोचिए। क्योंकि गठबंधन होने के बाद भी पूर्ण बहुमत से नरेन्द्र मोदी ही अगली बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।

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