वेबवार्ता: जख्म ही जख्म हैं, सारा बदन है छलनी, खंजर में कोई छींट न कपड़ों पर कोई दाग… पंक्तियों के माध्यम से मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने शुक्रवार को किसानों की समस्या उठाते हुए प्रधानमंत्री (PM Modi) व देश के प्रमुख उद्योगपतियों अडानी (Gautam Adani) और अंबानी (Mukesh Ambani) पर जमकर तंज कसे।
अडानी (Gautam Adani) पर निशाना साधते हुए उन्होंने (Satyapal Malik) कहा कि पांच साल में वह तीसरे नंबर का अमीर बन गया है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री का करीबी है। उसे एयरपोर्ट दे दिए गए हैं। अंबानी को सड़े आलू की बोरी की संज्ञा देते हुए कहा कि उसे सम्मान मत दो।
किसानों के हित को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने (Satyapal Malik) कहा कि उनको अपनी लड़ाई दोबारा लड़नी पड़ सकती है। एमएसपी जब तक लागू नहीं होती, जंग जारी रहेगी। वह स्वयं जेब में इस्तीफा रखते हैं, जरूरत पड़ी तो वह भी उनके साथ खड़े होंगे। यह बातें उन्होंने नांदल भवन में आयोजित शिक्षा सम्मान समारोह के मंच पर बतौर मुख्य वक्ता कही।
मेघालय के राज्यपाल ने बताया कि वह एक माह में छह बैठक किसानों के बीच कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब व राजस्थान तक वह जा रहे हैं। उन्हें लगता है कि किसानों को इंसाफ मिलने वाला नहीं है। एमएसपी को केंद्र सरकार ने फंसा दिया है, सरकार की नीयत सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वह पीएम विरोधी नहीं हैं, लेकिन जब तक मोदी गुजरात में थे तो वह उनके प्रशंसक थे। मोदी ने स्वयं एमएसपी के खिलाफ पीएम को पत्र लिखा था। यह दिल्ली ही पता नहीं कैसी है, यहां आते ही उनमें फर्क आ गया।
उन्होंने कहा कि वह पीएम से मिलकर कहेंगे कि जिस देश का किसान-जवान खुश नहीं, उसे कोई नहीं बचा सकता। जवानों को अग्निवीर बना दिया और किसानों को सुना नहीं जाता। दिल्ली बार्डर पर 700 किसान मरे मगर किसी नेता का बयान तक नहीं आया। उन्होंने भी किसानों के लिए सरकार केे समक्ष बात रखी, लेकिन उनको हल्के में लिया गया। हालांकि बाद में केंद्र को तीनों कानून वापस लेने पड़े। अब एमएसपी को कानूूनी जामा पहनाना जरूरी है।
मंच से उन्होंने शिक्षा के स्तर पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा कि शिक्षा के बजट को यहां फांसी दी जाती है। बिहार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने पेपर आउट होना व नकल रुकवाई। कश्मीर में अनुच्छेद 370 उनके कार्यकाल में हटी, कोई विवाद नहीं हुआ। जबकि खून की नदियां बहने की बातें हो रही थी। उन्होंने कुछ नहीं किया, बस आतंकवादियों के 250 के करीब मददगारों को यूपी जेल भिजवा दिया। इसके बाद सारी पत्थरबाजी रुक गई। वहां डिग्री कॉलेज दिए और सिखों की मदद की। विवादित जमीन सेना को सौंपी और सेना को मजबूत बनाया। रावी नदी के पानी के बंटवारे के विवाद का समाधान कराया। इससे जम्मू की 25 हजार हेक्टेयर भूमि तथा पंजाब की छह हजार हेक्टेयर के अलावा हरियाणा व राजस्थान को भी सिंचाई का पानी उपलब्ध होगा।
राज्यपाल ने खुद को फकीर बताते हुए कहा कि जब वे कश्मीर में थे तो दो मामले सामने आए इसमें एक अंबानी और दूसरे मामले में प्रधानमंत्री के करीबी हसीन दरादु से जुड़े थे। इसमें मेरे सचिव ने बताया कि डेढ़ करोड़ रुपये मिल सकता है। इस मामले पर जब प्रधानमंत्री से बात की तो उन्होंने भ्रष्टाचार समाप्त करने की बात कही।
राज्यपाल ने आगाह करते हुए कहा कि चुनाव में हिंदू-मुसलमान का मुद्दा होगा, लेकिन आप उसी पर ध्यान दें जो किसानों के हक में हो। उन्होंने लड़कियों को अच्छी शिक्षा देने व उन्हें सशक्त बनाने की वकालत की। उन्होंने बताया कि वह बतौर राज्यपाल पांच राज्यों में तैनात रहे हैं। इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से राज्यपाल को स्मृतिचिह्न भेंट किए गए। पुरस्कार वितरण के दौरान सम्मान को लेकर आयोजकों में आपस में विवाद भी हो गया लेकिन बाद में मामले को सुलझा लिया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल, ओम प्रकाश, मलिक खाप के प्रधान बलजीत सिंह मलिक, धर्मपाल मलिक सहित कार्यक्रम के आयोजक रवी मलिक व अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।