रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 1998 में राजस्थान में अपना परमाणु परीक्षण किया, इसका उद्देश्य (परमाणु) प्रतिरोधी क्षमता रखने का था। उन्होंने कहा, ‘इस प्रतिरोधी क्षमता के कारण भारतीय थल सेना आज आत्म रक्षा करने के प्रति पूरी तरह आश्वस्त है। आज, 2022 में भारत की सेना चीन के साथ समानता के आधार पर संवाद कर रही है। ’ सिंह ने कहा कि देश का लक्ष्य महज अपनी जरूरत के लिए उपकरण निर्मित करने का नहीं, बल्कि अन्य देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात करने का भी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। ’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 310 रक्षा उपकरणों की तीन स्वदेशीकरण सूची जारी की है। इन उपकरणों को एक समय सीमा के बाद किसी भी परिस्थिति में बाहर से नहीं खरीदा जाएगा। ये सभी उपकरण भारत में निर्मित किये जाएंगे। उन्होंने कार्यक्रम में कहा, ‘आप यह जानकर खुश होंगे कि हमने सिर्फ घरेलू विक्रेताओं से खरीददारी के लिए अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा रखा है।’ उल्लेखनीय है कि 18 मई 1974 को भारत ने राजस्थान में पहला परमाणु परीक्षण किया था।