नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। जहां एक तरफ आज गुजरात (Gujarat) में सूरत की एक अदालत ने “मोदी उपनाम” संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी करार दिया है। वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने आज भारतीय दंड संहिता की धारा (IPC) 504 के तहत गांधी को दोषी करार दिया, जो शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है।
Rahul Gandhi has been convicted u/s 499 and 500 of IPC. The sentence awarded is for 2 years and against that sentence, he has plead that he may be released on bail till appeal period and as per law, the Court has granted him bail for 30 days and until appeal, the sentence is… pic.twitter.com/d8TFyMcUi2
— ANI (@ANI) March 23, 2023
क्या जा सकती है सांसद से सदस्यता
हालांकि उन्हें 10 हजार रुपए के मुचलके पर इस बाबत जमानत भी मिल गई है। लेकिन इन सबके बीच ऐसा कहा जा रहा है कि,कांग्रेस सांसद की संसद सदस्यता अब शायद जा सकती है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक दो साल या दो साल से अधिक सजा पर सदन सांसद से सदस्यता जा सकती है।
राहुल का ट्वीट
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
– महात्मा गांधी
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 23, 2023
क्या कहता है नियम
यह भी बता दें कि, राहुल गांधी को अपील के लिए उन्हें 30 दिन का वक्त मिला है। ऐसे में HC में अपील पर अगर उनकी सजा में रोक लगेगी तो सदस्यता पर फिलहाल कोई आंच नहीं आएगी। हालांकि इसके लिए राहुल को सजा पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। वहीं राहुल गांधी को IPC की धारा 504 के तहत दोषी करार दिया गया है। इस धारा के तहत अधिकतम संभावित सजा दो साल की होती है।
क्या कहते हैं कांग्रेस अध्यक्ष
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद कहा कि, हम अब कानून के तहत ही आगे बढ़ेंगे। ऐसा होगा हमें पहले से ही मालूम था। उन्होंने कहा कि ये लोग बार-बार जज बदल भी रहे थे।
जानकारी दें कि, राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ” सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे होता है?” राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ BJP के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।
सजा सुनाते वक्त कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी इसके बावजूद उनके आचरण में किसी तरह के बदलाव का कोई सबूत नहीं है।
- आरोपी एक सांसद हैं जो बतौर जनप्रतिनिधि जनता को संबोधित करते हैं। सांसद का समाज के बड़े तबके पर गहरा असर होता है इसलिए यह अपराध और बड़ा हो जाता है।
- अगर दोषी को कम सजा दी गई तो इसका गलत संदेश जाएगा। मानहानि कानून का उद्देश्य पूरा नहीं होगा और लोगों के बारे में अनाप-शनाप बोलना आसान हो जाएगा।
सूरत की अदालत ने जब सजा का ऐलान किया तब राहुल गांधी वहां मौजूद थे। उन्हें आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया। दोनों धाराएं मानहानि और उससे संबंधित सजा से जुड़ी हैं। इन धाराओं के तहत अधिकतम 2 साल सजा हो सकती है। खास बात ये है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए कैद की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषसिद्धि की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाएगा। इसके अलावा वह सजा पूरी होने के बाद अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएगा। इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि वह सूरत कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी। अदालत के फैसले के तुरंत बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के एक कथन को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन- महात्मा गांधी।’