देहरादून, (वेब वार्ता)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो न केवल उपचारात्मक हो बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वासात्मक भी हो।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा मंगलवार को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पांचवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने एमबीबीएस, डीएम, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग और बीएससी एलाइड हेल्थ साइंसेज कार्यक्रमों के 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान की। दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 434 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण सहित अन्य नेता मौजूद थे।
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि दीक्षांत समारोह एक विशेष अवसर होता है जो विद्यार्थियों द्वारा अर्जित उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है। उन्होंने छात्रों को करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने काम को बिना किसी स्वार्थ के करने के लिए प्रोत्साहित किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सदी के आगमन तक भारत में केवल एक एम्स था। वर्तमान में देश में 22 एम्स कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने अपनी बेहतरीन सेवाओं के कारण स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के बीच एक विशिष्ट पहचान बनाई है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए नड्डा ने कहा कि वर्तमान में देश भर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं, जो स्वास्थ्य सेवा और कल्याण से संबंधित कई तरह की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में देश भर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि हुई है और ये कुल 780 हो गई है। पिछले 10 वर्षों में एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इसी तरह पैरामेडिक्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए 157 नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो मेडिकल कॉलेजों के साथ ही स्थित होंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स ऋषिकेश की सराहना की। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं का प्रभावी उपयोग करते हुए बीते वर्ष 309 गंभीर मरीजों के जीवन को सुरक्षित करने के साथ ही टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके राज्य के दूरदराज और अल्पसेवित क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में एम्स ऋषिकेश ने स्थान बनाया है।
इस आयोजन के दौरान केंद्रीय मंत्री नड्डा ने संस्थान की चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए कई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन किया। इनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस सुविधा और बाल चिकित्सा देखभाल में उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।
इस अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत और नए एम्स व मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश पूरे राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं प्रदान कर रहा है।
दीक्षांत समारोह में इन्हें मिली डिग्री
दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 98 एमबीबीएस छात्र, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग छात्र, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान छात्र, 109 एमडी, एमएस, एमडीएस छात्र, 17 एमएससी नर्सिंग छात्र, एक एमएससी मेडिकल संबद्ध छात्र, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ छात्र, 40 डीएम, एमसीएच छात्र और 8 पीएचडी छात्रों के साथ ही 10 स्वर्ण पदक हासिल करने वाले छात्र शामिल रहे।