नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को भारतीय सिविल लेखा सेवा सहित विभिन्न युवा प्रोबेशनर्स से खुद को उन्नत प्रौद्योगिकियों और कौशल से अवगत रखने और अधिक नागरिक-केंद्रित, कुशल और पारदर्शी शासन प्रणाली बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया।
भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा, भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (लेखा) और भारतीय डाक सेवा के प्रोबेशनर्स के एक समूह ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि युवा अधिकारियों के पास अपने कामकाज के माध्यम से राष्ट्र के विकास और समृद्धि में सीधे योगदान करने का अवसर है, चाहे वह सार्वजनिक वित्त का प्रबंधन हो या पूरे देश में निर्बाध कनेक्टिविटी और संचार सुनिश्चित करना हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जैसे-जैसे भारत नवाचार और डिजिटल पहलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत और समावेशी विकास की ओर बढ़ रहा है, आप जैसे युवा सिविल सेवकों के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि एक मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अच्छे शासन की नींव है। आप जिन सेवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके पास एक सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। दुनिया भर में, देश और संस्थान सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली विकसित कर रहे हैं, साथ ही लेखांकन, लेखा परीक्षा और बजट के लिए वैश्विक मानक भी स्थापित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवा प्रोबेशनर्स ऐसे समय में अपनी सेवा में शामिल हुए हैं जब देश डिजिटल परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, ई-बिल और डिजिटल ऑडिट सहित सरकार की प्रमुख पहलों ने शासन प्रणाली में प्रभावशीलता को काफी हद तक बढ़ाया है। ये पहल डिजिटल रूप से समावेशी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों में सेवा वितरण में अधिक गति और दक्षता के साथ-साथ पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि की अपेक्षा लगातार बढ़ रही है। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सरकारी विभागों के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का सर्वोत्तम उपयोग करके अपने सिस्टम को आधुनिक और डिजिटल बनाना आवश्यक है। ऐसी प्रौद्योगिकियों में मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल हैं।
उन्होंने युवा अधिकारियों से खुद को उन्नत प्रौद्योगिकियों और कौशल से अवगत रखने और अधिक नागरिक-केंद्रित, कुशल और पारदर्शी शासन प्रणाली बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रोवशनर्स न केवल अपने व्यक्तिगत करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए बल्कि भारत के लोगों को सरकारी सेवाओं के प्रभावी वितरण में योगदान देने के लिए भी हर संभव प्रयास करेंगे।