नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित आईसीएआर पूसा में आयोजित एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के लिए किसानों, मछुआरों और पशुपालकों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है और सरकार इनके अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी।
प्रधानमंत्री ने हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने कहा, “हमारे अन्नदाताओं के साथ भारत कभी समझौता नहीं करेगा।”
🔬 डॉ. स्वामीनाथन की विरासत: विज्ञान से सेवा तक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन ने यह दिखाया कि विज्ञान केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि किसानों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों के लिए प्रेरित किया और उनकी सोच आज भी भारत की कृषि नीतियों में परिलक्षित होती है।
उन्होंने बताया कि डॉ. स्वामीनाथन की स्मृति में “एमएस स्वामीनाथन अवॉर्ड फॉर फूड एंड पीस” की शुरुआत की गई है, जिसका पहला पुरस्कार नाइजीरिया के एक वैज्ञानिक को दिया गया है।
🌾 भारत के कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज चावल, गेहूं, कपास, सब्जियों और मछली उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है। सोयाबीन, मूंगफली और सरसों जैसी फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन संभव हुआ है। यह किसानों की मेहनत और सरकार की किसान-केंद्रित योजनाओं का परिणाम है।
🔸 उल्लेखनीय योजनाएं:
पीएम किसान सम्मान निधि
पीएम संपदा योजना
पीएम धन-धान्य योजना
एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन)
ई-नाम प्लेटफॉर्म
🧪 वैज्ञानिकों से आग्रह: पोषण सुरक्षा पर भी दें ध्यान
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती, फसल विविधता, जलवायु सहनशील फसलों पर अनुसंधान को बढ़ावा दें और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग को कृषि से जोड़ें।
उन्होंने कहा कि भारत के पास पारंपरिक कृषि ज्ञान की समृद्ध विरासत है जिसे आधुनिक तकनीकों से जोड़कर एक समग्र कृषि प्रणाली विकसित की जा सकती है।
🇮🇳 एग्रीकल्चर और डेयरी पर भारत-अमेरिका के बीच मतभेद
प्रधानमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के उस दबाव का उल्लेख किया, जिसमें वह चाहता है कि भारत डेयरी और जैव-प्रौद्योगिकी उत्पादों के आयात की अनुमति दे:
🛑 विवाद के 5 प्रमुख बिंदु:
अमेरिका के डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, पनीर) को भारत में अनुमति देने की मांग।
भारतीय किसानों को नुकसान की आशंका।
अमेरिका के उत्पादों में गैर-शाकाहारी एंजाइम का इस्तेमाल।
गेहूं, चावल, फल और सोयाबीन जैसे उत्पादों पर टैक्स में कटौती की मांग।
जीएमओ फसलों पर भारत का विरोध।
🗣 मोदी की स्पीच की 3 बड़ी बातें:
1. डॉ. स्वामीनाथन का योगदान ऐतिहासिक
“डॉ. स्वामीनाथन ने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया। उनका योगदान आने वाले दशकों तक भारत की प्राथमिकताओं को दिशा देगा।”
2. गुजरात में कृषि सुधार में मार्गदर्शन
“गुजरात में जब मैं मुख्यमंत्री था, तब उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए मार्गदर्शन दिया। इससे कृषि संकट में सुधार आया।”
3. किसानों को आत्मबल देने वाली योजनाएं
“पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना, सिंचाई और ई-नाम जैसी योजनाओं ने किसानों को आत्मबल और आर्थिक सुरक्षा दी है।”
Dr. M.S. Swaminathan is widely admired for his pioneering work in agricultural science. Addressing the M.S. Swaminathan Centenary International Conference in Delhi. https://t.co/gYQneAombB
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2025